इंडियन प्रीमियर लीग का त्योहार शुरू होता नहीं था कि हर क्रिकेट प्रेमी की नजर बस एक क्रिकेटर को देखने के लिए बेताब हो उठती थी. यह क्रिकेटर कोई और नहीं सबके चहेते धोनी होते थे. माही को खेलते देखकर उनके फैंस हारने का गम तक भूल जाते थे. उनके लिए लोग कुछ इस कदर दीवाने हैं कि मैच खत्म होने के बावजूद अपनी सीट से उठते नहीं थे क्योंकि उन्हें पता होता था कि उनका माही बोलने के लिए आने वाला है. चाहे सामने कोई भी टीम हो और मैच कहीं भी हो रहा हो, अगर धोनी खेल रहे होते थे तो पूरे स्टेडियम में सिर्फ 'धोनी-धोनी' की गूंज सुनाई देती थी. IPL में अपने 16 साल के लंबे सफर में धोनी ने कप्तान के तौर पर तो अपना लोहा मनवाया ही है, साथ ही अपनी धमाकेदार पारियों से टीम की नैया भी पार लगाई है. एक तरफ माही ने CSK को 4 खिताब दिलाए हैं, तो राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स के लिए भी वो कई मैचों में खेवनहार बने हैं.
क्रिकेट जगत के अबतक के सबसे अच्छे फिनिशरों में से एक, धोनी मैदान पर अपने स्मार्ट और बेहतरीन बैटिंग स्किल्स के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने लगभग 250 मैच खेले हैं और इनमें 300 से अधिक चौके और 200+ छक्के लगाए हैं.
नाबाद 84 के बेस्ट स्कोर के साथ उन्होंने इस टूर्नामेंट में लोअर मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए 5000 रनों के आंकड़े को पार किया जो अपने आप में एक बड़ी बात है.
हम आपको धोनी की कुछ शानदार पारियों की याद दिलाने वाले हैं जिन्होंने धोनी को सभी का 'थाला' बना दिया.
2019 में RCB के खिलाफ धोनी की नाबाद 84 रन उनका अब तक का बेस्ट स्कोर है. CSK 162 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और धोनी जब मैदान पर आए तब सीएसके 28 रनों पर 4 विकेट खो चुकी थी. धोनी ने कप्तानी पारी खेलते हुए 48 गेंदों में नाबाद 84 रन बनाकर अपनी टीम को नामुमकिन लग रही जीत दिलाने में मदद की. इस पारी में 7 चौके और 5 छक्के शामिल थे, जिसमें आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर वो इस मैच के स्टार बने थे.
धोनी की इस पारी को आईपीएल इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक माना जाता है. 2018 में RCB के खिलाफ CSK 206 के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रही थी. जब धोनी मैदान पर आए तो सीएसके को 42 गेंदों में 118 रनों की जरूरत थी. कैप्टन कूल ने आते ही ताबड़तोड़ पारी खेली और महज 34 गेंदों में 7 चौकों और 5 छक्कों की मदद से नाबाद 70 रन बनाकर अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई थी.
2018 में IPL के एक अहम मैच में, धोनी ने अपनी यादगार पारियों में से एक खेली. 193 के लक्ष्य का पीछा करते हुए, धोनी 74-4 के स्कोर पर फैंस की आखिरी उम्मीद बनकर मैदान पर आए और KXIP के गेंदबाजों की क्लास लगानी शुरु कर दी. वह सिर्फ 44 गेंदों में 4 चौकों और 5 छक्कों की मदद से 79 रन बनाकर नाबाद रहे और फैंस की उम्मीदों पर खरे उतरे.
2016 में माही राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की ओर से खेल रहे थे. पंजाब के खिलाफ खेलते हुए पुणे 173 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. 78-3 के स्कोर पर धोनी की मैदान पर एंट्री हुई थी और उस वक्त पुणे के लिए जीत बेहद मुश्किल नजर आ रही थी. लेकिन धोनी ने उस दिन बता दिया कि उनके क्रीज पर रहते कुछ भी नामुमकिन नहीं है. आखिरी 3 गेंदों में RPS को 16 रनों की जरूरत थी और धोनी ने, 1 चौके के बाद लगातार 2 छक्के लगाकर जीत पुणे की झोली में डाल दी.
2012 में धोनी ने अपने आईपीएल करियर की सबसे विस्फोटक पारियों में से एक खेली. 174 के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी 90-4 के स्कोर पर मैदान में उतरे और बल्ले से चारों तरफ रन बरसाने शुरू कर दिए. थाला ने MI के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और सिर्फ 20 गेंदों में नाबाद 51 रन बनाए. कैप्टन कूल ने 2 चौकों और 5 छक्कों की बदौलत अपनी टीम को रोमांचक जीत दिलाई.
CSK IPL 2010 सीजन के अपने आखिरी लीग मैच में KXIP के खिलाफ खेल रही थी और चेन्नई के लिए यह करो या मरो का मुकाबला था. पीबीकेएस ने पहले बल्लेबाजी की और 192-3 का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया. लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी CSK के लिए मसीहा बने और अंत तक क्रीज पर डटे रहे. सीएसके को आखिरी ओवर में 16 रन चाहिए थे और सामने सीजन के स्टार इरफान पठान गेंदबाजी कर रहे थे. लेकिन एमएस धोनी ने एक चौका और दो छक्के जड़ अकेले अपने दम पर सीएसके को सेमीफाइनल तक पहुंचाया. इस पारी के बाद आम तौर पर शांत और गंभीर दिखाई देने वाले धोनी ने अपने हेलमेट को पंच करके अपनी खुशी जाहिर की थी. बता दें कि धोनी ने इस मैच में 29 गेंदों में नाबाद 54 रन बनाए थे और CSK इस सीजन विजेता बनी थी.
एमएस धोनी ने इन 5 के अलावा भी आईपीएल में कई यादगार पारियां खेली हैं. दबाव में शांत रहने और टीम को हर हालत में जीत दिलाने की उनकी काबिलियत ने उन्हें टूर्नामेंट के इतिहास के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक बना दिया है. आने वाले IPL में उनका न होना, हर क्रिकेट प्रेमी के दिल में शूल की तरह चुभेगा.
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