आईपीएल की गिनती दुनिया की सबसे मशहूर टी-20 लीग में की जाती है. इंडियन प्रीमियर लीग में खिलाड़ियों को पाने के लिए टीमें पानी की तरह पैसा बहाती हुई दिखाई देती हैं.ऐसे ना जाने कितने ही प्लेयर्स रहे हैं, जिनकी किस्मत रातों-रात ऑक्शन टेबल पर बदली है.घरेलू से लेकर विदेशी खिलाड़ी अपने खेल के दम पर इस लीग से मालामाल हुए हैं. यूं तो हर साल ही कई प्लेयर्स पर करोड़ों की बरसात होती है, पर हम इस पोस्ट में उन पांच खिलाड़ियों की बात करेंगे जो इस लीग के इतिहास में सबसे महंगे बिके हैं..
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क्रिस मोरिस पर साल 2021 में हुए ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स ने जमकर पैसों की बरसात कर डाली थी. मोरिस को राजस्थान ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 16.25 करोड़ रुपये खर्च करते हुए अपनी टीम में शामिल किया था. मोरिस आईपीएल के इतिहास में सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी भी हैं.
टी-20 क्रिकेट के किंग कहे जाने वाले युवराज सिंह के लिए हर बार ऑक्शन टेबल पर खूब लड़ाई देखने को मिली थी. इस फॉर्मेट की सबसे तेज फिफ्टी जड़ने का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले युवी पर साल 2015 में दिल्ली कैपिटल्स जमकर मेहरबान हुई थी. दिल्ली ने युवराज के लिए 16 करोड़ की बोली लगाते हुए उनको टीम से जोड़ा था. हालांकि, बाएं हाथ का यह बल्लेबाज टीम की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका था.
मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया टेस्ट टीम की कमान संभाल रहे पैट कमिंस पर साल 2020 के ऑक्शन में कोलकाता नाइट राइडर्स ने पानी की तरह पैसा बहाया था. कमिंस को टीम में शामिल करने के खातिर केकेआर ने 15.5 करोड़ रुपये लुटा डाले थे.
आईपीएल 2020 में छक्कों का रिकॉर्ड बनाकर ईशान किशन ने अगले साल हुई नीलामी में मुंबई इंडियंस को टेबल पर हर टीम से भिड़वा दिया था. जिसका भरपूर फायदा भी ईशान को पहुंचा और वह आईपीएल ऑक्शन के इतिहास में बिकने वाले दूसरे सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी बने. ईशान को मुंबई ने 15.25 करोड़ रुपये खर्च करते हुए टीम में शामिल किया.
लंबे और ऊंचे कद के न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर काइल जेमिसन ने साल 2021 में हुए आईपीएल ऑक्शन में जमकर सुर्खियां बटोरी. जेमिसन को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 15 करोड़ रुपये में टीम से जोड़ा था.