भारतीय फुटबॉल टीम को एशियाई खेलों के लिए गुरुवार को हुए ड्रॉ में चीन, बांग्लादेश और म्यामार के साथ ग्रुप ए में रखा गया है, जबकि महिला टीम ग्रुप बी में थाईलैंड और चीनी ताइपे के साथ शामिल है. पुरुषों की इवेंट में छह ग्रुप हैं. हर ग्रुप से टॉप दो टीमें तथा सर्वश्रेष्ठ तीसरे स्थान पर रहने वाली चार टीमें राउंड 16 में जगह बनाएंगी.
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वहीं महिलाओं की कैटेगरी में हर ग्रुप से टॉप टीम तथा सर्वश्रेष्ठ दूसरे स्थान पर रहने वाली तीन टीमें क्वार्टरफाइनल में पहुंचेंगी.खेल मंत्रालय ने मौजूदा चयन मापदंड में राहत देते हुए पुरुष और महिला फुटबॉल टीमों की एशियाड में भाग लेने की परमिशन दी.
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने पहले भारतीय फुटबॉल टीमों को इस आधार पर खेलों में भेजने से इनकार कर दिया था कि वे एशिया में टॉप आठ देशों की रैंकिंग में शामिल नहीं थीं. भारतीय पुरुष टीम ने 1951 में शुरुआती एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने के बाद 1962 में भी यही उपलब्धि दोहराई थी.
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने खेल मंत्रालय से दोनों टीमों को इस प्रतिष्ठित महाद्वीपीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने देने की अपील की थी. वहीं राष्ट्रीय सीनियर टीम के हेड कोच इगोर स्टिमक ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग की थी. साल 2002 के बाद से ही एशियाई खेलों की फुटबॉल स्पर्धा में अंडर-23 टीम हिस्सा लेती रही है जिसमें तीन खिलाड़ी इससे अधिक उम्र के हो सकते हैं.
हालांकि इस साल 24 साल के खिलाड़ी भी खेल सकते हैं क्योंकि पिछले साल चीन में कोविड-19 मामलों के कारण इन खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया था. करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री, गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू और स्टार डिफेंडर संदेश झिंगन अंडर-23 से अधिक उम्र के तीन खिलाड़ी होने के नाते भारतीय पुरुष टीम का हिस्सा होंगे.