आखिरी क्षणों में टीम के चयन के कारण भारतीय फुटबॉल टीम प्रैक्टिस और पर्याप्त रेस्ट के बिना मंगलवार को एशियाई खेलों के ग्रुप मैच में मजबूत चीन का सामना करेगी. इंडियन सुपर लीग की कुछ टीमों ने अपने खिलाड़ियों को एशियाई खेलों में भाग लेने की मंजूरी नहीं दी, जिसके कारण भारत ने शुक्रवार को आनन-फानन में फाइनल टीम का चयन किया था.
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टीम रविवार को ही चीन के लिए रवाना हुई जिससे खिलाड़ियों को प्रैक्टिस सेशन में एक साथ मिलकर खेलने का मौका नहीं मिला. यही नहीं, 22 सदस्यीय टीम के दो खिलाड़ी डिफेंडर कोन्सम चिंगलेनसाना सिंह और लालचुंगनुंगा बाद में टीम से जुड़ेंगे, क्योंकि उनके वीजा तैयार नहीं थे.
यह दोनों चीन के खिलाफ मंगलवार को होने वाले मैच के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे जो कि भारत के लिए बड़ा झटका है. इसके अलावा भारत के हेड कोच इगोर स्टिमक ने रविवार को कहा कि अनुभवी डिफेंडर संदेश झिंगन और करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री पहले मैच में नहीं खेलेंगे क्योंकि टीम उन्हें अगले दो मैचों में उतारना चाहती है.
स्टिमक का फैसला समझा जा सकता है क्योंकि भारत के पास बांग्लादेश (21 सितंबर) और म्यांमार (24 सितंबर) के खिलाफ जीत के अच्छे मौके रहेंगे. चीन की टीम काफी मजबूत है और भारतीय टीम पर्याप्त अभ्यास और रेस्ट के बिना इस मैच में उतरेगी.
इन सब परिस्थितियों को देखते हुए हेड कोच को अपनी रणनीति तैयार करनी पड़ी है. टीम चयन में देरी के कारण उन्हें एयरपोर्ट और विमान के अंदर खिलाड़ियों को अपनी रणनीति से अवगत कराना पड़ा. चीन की टीम को घरेलू परिस्थितियों का फायदा भी मिलेगा. एशियाई खेलों में इन दोनों देशों के बीच आखिरी मैच 2002 में कोरिया के बुसान में खेला गया था जिसमें भारत को 0-2 से हार का सामना करना पड़ा था. स्टिमक इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि चीन के खिलाफ भारत की जीत की संभावना बहुत कम है.