2022 ने भारतीय खेल और प्रशंसकों को कुछ नायाब पल दिए हैं. इस साल कुछ ऐसे रिकॉर्ड बनाए गए जो आने वाले वर्षों में याद किए जाएंगे और इस स्टोरी में हम आपको ऐसे कुछ पलों के बारे में बताने वाले हैं जो भारतीय खेल जगत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गए हैं.
थॉमस कप की जीत
इसी साल भारत ने बैडमिंटन में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की. भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने मई में इतिहास रचा था जब उन्होंने 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर थॉमस कप जीता था. इस टूर्नामेंट के 73 साल के इतिहास में भारत पहली बार फाइनल खेल रहा था. गौरतलब है कि टूर्नामेंट के अब तक हुए 32 संस्करणों में भारत ने सिर्फ 13 बार क्वालीफाई किया है और 13वीं बार भारत चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, जापान और डेनमार्क के बाद इस खिताब को जीतने वाला केवल छठा देश बन गया है.
MCG में कोहली का तूफान
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में भारत के सामने पाकिस्तान की चुनौती थी. अपने शुरुआती टी20 विश्व कप मुकाबले में जीत के लिए 160 रनों का पीछा करते हुए, मेन इन ब्लू के 31 रनों पर 4 विकेट गिर चुके थे. परन्तु एक समय आता है, जब मुश्किल से उबारने के लिए मसीहे की एंट्री होती है. जब सारी उम्मीदें खत्म हो गईं, तो भारत के किंग कोहली ने एक बार फिर अकेले दम पर नाबाद 82 रन बनाकर 1.2 अरब भारतीयों को निराशा से उबारा. मेलबर्न ग्राउंड में बैठे 90,000 लोगों ने उनकी अब तक के करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी देखी जिसकी बदौलत भारत ने बड़े मुकाबले में जीत दर्ज की.
गोल्डन बॉय के नाम कई रिकॉर्ड
भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा इस सूची में कैसे नहीं हो सकते? 2020 के बाद यह साल भी उनके लिए खास रहा जिस दौरान उन्होंने वैश्विक मंच पर कई नए रिकॉर्ड बनाए. वैसे तो वह चोट के कारण अपने कॉमनवेल्थ ताज का बचाव नहीं कर सके, लेकिन फिर भी ओलंपिक चैंपियन विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय और पहले भारतीय पुरुष बने. ओरेगॉन में जीते गए रजत के साथ, नीरज सितंबर में डायमंड लीग खिताब जीतने वाले पहले भारतीय भी बने.
CWG में रचा इतिहास
पहलवानों, भारोत्तोलकों और मुक्केबाजों के कॉमनवेल्थ में शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ इस बार के राष्ट्रमंडल खेलों में कुछ ऐसी उपलब्धियां थीं जो भारतीयों के जहन में हमेशा बनी रहेंगी. 2 बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने अपने पदकों की संख्या में इजाफा करते हुए कॉमनवेल्थ गोल्ड को अपने कैबिनेट में शामिल कर लिया. एल्धोज पॉल और अब्दुल्ला अबूबकर ने पुरुषों की ट्रिपल जंप स्पर्धा में गोल्ड और सिल्वर जीतकर इतिहास रच दिया. महिला क्रिकेट टीम ने भी राष्ट्रमंडल खेलों में खेल के पहले संस्करण में रजत पदक अपने नाम किया. लेकिन यह लवली चौबे, पिंकी, रूपा रानी टिर्की, और नयनमोनी सैकिया की चौकड़ी वाली महिला लॉन बॉल टीम थी, जिसने इस खेल में भारत को पहला पदक दिलाया.
महिला क्रिकेटरों को मिला उनका हक
एक ऐतिहासिक कदम में, बीसीसीआई ने अपनी महिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन की घोषणा की. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने घोषणा की कि बोर्ड के साथ अनुबंधित सभी महिला क्रिकेटरों को तीनों प्रारूपों में उनके पुरुष समकक्षों के समान मैच फीस का भुगतान किया जाएगा. इस एतिहासिक फैसले की सभी ने सराहना की जिनमें क्रिकेटर, खिलाड़ी, और बाकी सभी क्षेत्रों से मशहूर हस्तियां और अन्य देश तक शामिल थे.
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