पूर्व युगल विश्व नंबर एक सानिया मिर्जा ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से खेल से संन्यास लेने के बाद कहा कि वह अपने करियर और अनुभवों के लिए 'वास्तव में आभारी' हैं.
भारत की 36 वर्षीय युगल जोड़ीदार मैडिसन कीज़ के साथ दुबई में अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रही थीं, लेकिन अपने शानदार 22 साल के करियर को खूबसूरत अंत नहीं दे सकीं और पहले दौर में ही हार गईं.
भारत के सबसे प्रसिद्ध एथलीटों में से एक, सानिया ने 2003 में प्रोफेशनल टेनिस में एंट्री मारी और 43 डब्ल्यूटीए युगल खिताब जीते जिनमें छह ग्रैंड स्लैम खिताब शामिल हैं.
उन्होंने स्विस दिग्गज मार्टिना हिंगिस के साथ लगातार तीन बड़े टूर्नामेंट जीते.
जनवरी 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने से पहले 'सैनटीना' के नाम से जानी जाने वाली जोड़ी 2015 में विंबलडन और यूएस ओपन भी अपने नाम किया.
उनके अन्य तीन बड़े खिताब मिक्स्ड डबल्स में आए. सानिया ने 2014 में ब्राजील के ब्रूनो सोरेस के साथ यूएस ओपन जीतने से पहले, हमवतन महेश भूपति के साथ 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2012 में रोलैंड गैरोस पर कब्ज़ा जमाया.
मिर्जा कुल 91 हफ्ते तक डबल्स की रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज रहीं और एक दशक से अधिक समय तक भारत की नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी रहीं. इसके साथ ही सानिया WTA में महिला सिंगल्स में टॉप 30 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं.
2018 में उन्होंने बेटे इज़हान को जन्म दिया और मेटरनिटी लीव के बाद खेल में सफलतापूर्वक वापसी करने वाली दूसरी महिला बन गई.