भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निलंबन हटाने और उसे पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण मिलने के बाद कुश्ती की एड-हॉक कमिटी को भंग कर दिया. आईओए ने कहा कि राष्ट्रीय महासंघ के निलंबन रद्द होने के बाद खेल के संचालन के लिए एड-हॉक कमिटी की कोई जरूरत नहीं है. आईओए ने कहा कि एड-हॉक कमिटी ने डब्ल्यूएफआई के सहयोग से अगले महीने के ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के लिए चयन ट्रायल का सफल आयोजन कर लिया है. खेल मंत्रालय ने दिसंबर में डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर एड-हॉक कमिटी का गठन किया था. उनका यह दांव हालांकि उस समय उलटा पड़ गया, जब इस खेल की वैश्विक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) ने फरवरी में डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटा दिया.
आईओए ने 10 मार्च को जारी आदेश में कहा, 'माननीय दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर एड-हॉक कमिटी को भंग करने का निर्णय डब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगे प्रतिबंध को हटाने और आईओए द्वारा नियुक्त समिति द्वारा चयन ट्रायल के सफल समापन को देखते हुए लिया गया है.' संजय सिंह के नेतृत्व में नवनिर्वाचित डब्ल्यूएफआई द्वारा कथित तौर पर अपने नियमों का उल्लंघन करने के बाद 23 दिसंबर को भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता में एड-हॉक कमिटी का गठन किया गया था. एड-हॉक कमिटी ने इस महीने की शुरुआत में अप्रैल में किर्गिस्तान में होने वाली एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर के लिए टीमों का चयन करने के लिए ट्रायल का आयोजन किया था.
इस ट्रायल में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने भी भाग लिया था. विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वर्ग में ओलंपिक क्वालीफायर में जीत दर्ज करने में सफल रही लेकिन बजरंग को हार का सामना करना पड़ा था. ट्रायल के सफल समापन के बाद खेल की बागडोर डब्ल्यूएफआई को सौंप दी गई है. आईओए ने डब्ल्यूएफआई को यौन उत्पीड़न और नियमों के पालन जैसे अन्य मुद्दों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक ‘सुरक्षा समिति अधिकारी’ नियुक्त करने का निर्देश दिया.
आईओए पत्र में कहा गया, 'यूडब्ल्यूडब्ल्यू के निर्देश के मुताबिक यह जरूरी है कि डब्ल्यूएफआई दुर्व्यवहार और उत्पीड़न की चिंताओं को दूर करने और नियमों और दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जल्द से जल्द सुरक्षा समिति/अधिकारी नियुक्त करे.'
इसमें कहा गया, 'डब्ल्यूएफआई को स्थापित प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों के अनुसार समयबद्ध तरीके से एथलीट आयोग के चुनाव कराने का भी निर्देश दिया गया है. डब्ल्यूएफआई की निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व और भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यह कदम आवश्यक है.'