भारतीय महिला हॉकी टीम की मुख्य कोच जेनेके शॉपमैन (Janneke Schopman) का कॉन्ट्रैक्ट इस साल जुलाई-अगस्त में समाप्त हो रहा है और उनके कॉन्ट्रैक्ट को बढ़ाए जाने की संभावना काफी कम है.
टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में विफलता के बाद से ही भारतीय टीम के साथ शॉपमैन का भविष्य अधर में है.
शॉपमैन टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला टीम की एनालिटिकल कोच थी. स्पेन के शुअर्ड मरीन की देखरेख में भारतीय टीम ने टोक्यो में ऐतिहासिक चौथा स्थान हासिल किया था.
हॉकी इंडिया के एक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘उनका कॉन्ट्रैक्ट जुलाई-अगस्त (पेरिस ओलंपिक तक) में समाप्त हो रहा है. देखते हैं क्या होता है, मैं इस समय कुछ नहीं बता सकता.’’
नीदरलैंड की इस पूर्व खिलाड़ी का भारतीय टीम के साथ सबसे अच्छा परिणाम बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स और चीन के हांगझोउ में 2023 एशियाई गेम्स में ब्रॉन्ज पदक जीतना था.
एशियाई खेलों और फिर रांची में खेले गये ओलंपिक क्वालीफायर के जरिये भारतीय टीम का पेरिस के लिए टिकट कटाने में विफल रहने के बाद शॉपमैन और हॉकी इंडिया के रिश्तों में तल्खी आ गयी है.
शॉपमैन ने पुरुष टीम के मुकाबले महिला टीम को कम तरजीह मिलने के साथ हॉकी इंडिया से अपेक्षाकृत कम मदद मिलने का आरोप लगाया है.
हालांकि हॉकी इंडिया ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें वह सब कुछ प्रदान किया गया जो वह चाहती थी.
हॉकी इंडिया के एक सूत्र ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह ये बातें क्यों कह रही हैं. हॉकी इंडिया में कोई भेदभाव नहीं है. हम पुरुष और महिला दोनों टीमों के साथ समान व्यवहार करते हैं.’’
सूत्रों के अनुसार 46 वर्षीय शॉपमैन पुरुष टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन के बराबर वेतन चाहती हैं.
इस सूत्र ने कहा, ‘‘वेतन में बढ़ोतरी के लिए परिणाम मायने रखता है. टीम ने अच्छी प्रगति की है लेकिन हालिया नतीजे उसके पक्ष में नहीं हैं.’’
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