भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा है कि अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल होगा, लेकिन चोटों से जूझने वाली साइना का बैडमिंटन से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है.
उन्होंने कहा कि वह अपने करियर को नया जीवन देने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. लगातार चोटिल रहने और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं के कारण हैदराबाद की 33 वर्षीय खिलाड़ी साइना कई टूर्नामेंट्स में हिस्सा नहीं ले पाईं और इससे वह वर्ल्ड रैंकिंग में 55वें स्थान पर खिसक गईं.
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साइना ने कहा, 'जब भी मैं एक या दो घंटे प्रैक्टिस करती हूं तो मेरे घुटने में सूजन आ जाती है. मैं अपना घुटना नहीं मोड़ पाती हूं और इसलिए दूसरे सीजन के प्रैक्टिस में भाग नहीं ले सकती. डॉक्टर्स ने मुझे कुछ इंजेक्शन दिए हैं. बेशक ओलंपिक पास में है लेकिन उसके लिए क्वालीफाई करना मुश्किल है.'
उन्होंने कहा, 'मैं वापसी के लिए अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही हूं. फिजियो मेरी मदद कर रहे हैं लेकिन अगर सूजन कम नहीं होती तो फिर पूरी तरह फिट होने में थोड़ा समय लगेगा. मैं भी अधूरे मन से नहीं खेलना चाहती हूं और ऐसे में परिणाम भी अनुकूल नहीं आएंगे.'
दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना ने आखिरी बार जून में सिंगापुर ओपन में भाग लिया था. उन्होंने अपना आखिरी खिताब जनवरी 2019 में मलेशिया मास्टर्स के रूप में जीता था. साइना से जब संन्यास के बारे में पूछा गया,
उन्होंने कहा, 'वो तो सब को करना पड़ता है. ऐसी कोई समय सीमा तय नहीं है. जब भी आपको लगेगा कि आपका शरीर साथ नहीं दे रहा है तो आप खेलना बंद कर दोगे.' उन्होंने कहा, 'लेकिन अभी मैं प्रयास कर रही हूं. एक खिलाड़ी होने के नाते कोशिश करना मेरा काम है क्योंकि मैं इस खेल से प्यार करती हूं और मैं इतने लंबे समय से खेल रही हूं.'