भारतीय पहलवान सुजीत कलकल ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एशियाई खेलों के ट्रायल्स के लिए विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गई छूट के फैसले को चुनौती दी. उन्होंने यहां टूर्नामेंट के लिए चयन प्रक्रिया में निष्पक्षता की मांग की.
याचिका में मांग की गई कि ट्रायल्स निष्पक्ष तरीके से कराए जाने चाहिए, जिसमें किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए. सुजीत ने कहा कि 65 किलोग्राम कैटेगिरी में देश में कम से पांच-छह पहलवान हैं जो बजरंग को हराने में सक्षम हैं.
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उनके मुताबिक कुछ खिलाड़ियों को छूट देना ओलंपिक चैंपियन बनने की इच्छा रखने वाले पहलवानों की अगली पीढ़ी के साथ अन्याय है. यह याचिका उनके वकील ऋषिकेश बरूआ और अक्षय कुमार ने दायर की जिसमें मांग की गई कि भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति द्वारा दो वर्गों (पुरुष फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं की 53 किग्रा) के संदर्भ में जारी किए गए निर्देशों को खारिज कर दिया जाए, तथा बजरंग और विनेश को दी गई छूट खत्म कर दी जाए.
सुजीत के पिता दयानंद कलकल ने कहा, ‘इन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन में कहा था कि उनकी लड़ाई न्याय दिलाने के लिए है और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है और अब वे इन जूनियर पहलवानों को ही दरकिनार करना चाहते हैं इसलिए हमें इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करना पड़ा।.’