निलंबित कुश्ती महासंघ के प्रमुख संजय सिंह ने कहा है कि पुणे में सीनियर नेशनल कुश्ती टूर्नामेंट के विजेताओं को ही ओलंपिक ट्रायल के लिए भेजा जाएगा. 29 जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'हमारे विजेता 25 राज्य इकाइयों से आते हैं. ये ऐसे पहलवान हैं जिन्हें नौकरी की ज़रूरत है और हमारे प्रमाणपत्र उनकी मदद करेंगे. जो लोग पहले से ही रेलवे और सेवाओं में कार्यरत हैं या उनके पास पहले से ही नौकरियां हैं तो उन्हें यहां पुणे में प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता नहीं है. इसलिए उन्हें इसकी परवाह नहीं है. इस सब में जो पीड़ित हैं वे पुणे में प्रतिस्पर्धा करने वाले पहलवान हैं. लेकिन मैं वादा करता हूं कि ओलंपिक ट्रायल के लिए जाने वाले लोग पुणे नेशनल्स से ही होंगे.'
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डब्ल्यूएफआई गतिविधियों में पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की संलिप्तता के बारे में पूछे जाने पर संजय सिंह ने कहा, 'वह सिर्फ एक पूर्व अध्यक्ष हैं. उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है और उनकी पदाधिकारी के रूप में कोई भागीदारी नहीं है.' उन्होंने तर्क दिया कि वह बृजभूषण के सिर्फ इसलिए करीबी हैं क्योंकि वह 12 साल तक पदाधिकारी रहे, जबकि बीजेपी सांसद 15 साल तक सत्ता में रहे. संजय सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान बृजभूषण पर लगे यौन आरोपों के बाद महिला पहलवानों की सुरक्षा को लेकर चिंताओं को भी संबोधित किया.
सिंह ने कहा, 'हां, हमें भी चिंताएं हैं और इसीलिए हमने डब्ल्यूएफआई में एक यौन उत्पीड़न समिति नियुक्त की है.' निवर्तमान अध्यक्ष ने यह भी आश्वासन दिया कि उनके निलंबन को रद्द करने और आने वाले दस दिनों में सत्ता में लौटने के लिए खेल मंत्रालय के साथ बातचीत चल रही है.