पेरिस ओलंपिक की दौड़ में बने रहने की कवायद में स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किलो और 53 किलो वर्ग में चयन ट्रायल शुरू नहीं होने दिए. विनेश ने अधिकारियों से लिखित आश्वासन मांगा कि 53 किलो भारवर्ग के आखिरी ट्रायल ओलंपिक से पहले होने चाहिए.
डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने और लंबे चले प्रदर्शन की अगुवाई करने वाली विनेश 50 किलोवर्ग के ट्रायल के लिये यहां साइ केंद्र पहुंची थीं. वो प्रदर्शन से पहले 53 किलोवर्ग में उतरने वाली थीं लेकिन उस वर्ग में अंतिम पंघाल को कोटा मिलने के कारण उन्होंने अपना भारवर्ग कम किया.
विनेश ने लिखित आश्वासन की मांग करते हुए प्रतिस्पर्धा शुरू नहीं होने दी. उसने 50 किलो और 53 किलो दोनों में भाग लेने की अनुमति मांगी जिससे अजीब स्थिति बन गई. इससे 50 किलो भारवर्ग में उतरे पहलवान शिकायत करने लगे.
आईओए द्वारा गठित तदर्थ समिति पहले ही कह चुकी है कि 53 किलो वर्ग के लिये अंतिम ट्रायल होगा जिसमें इस भारवर्ग के शीर्ष चार पहलवान उतरेंगे. ट्रायल के विजेता को अंतिम पंघाल से मुकाबला करना होगा और उसमें विजयी रहने वाली पहलवान भारत का प्रतिनिधित्व करेगी.
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ट्रायल के दौरान मौजूद एक कोच ने कहा, 'विनेश सरकार से आश्वासन चाहती है. उसे डर है कि अगर डब्ल्यूएफआई के हाथ में फिर कमान आ गई तो चयन नीति बदल सकती है. पर सरकार इस पर आश्वासन कैसे दे सकती है. सरकार चयन मामलों में दखल नहीं दे सकती. शायद वह अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहती है. वह अगर 50 किलो ट्रायल में हार गई तो यह सुनिश्चित करना चाहती है कि 53 किलो में भी दौड़ में बनी रहे.'