बबीता फोगट ने साक्षी मलिक के उस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है जिसमें दिग्गज पहलवान और उनके पति सत्यव्रत कादियान भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध के बारे में हो रहे संदेह पर सफाई दी है.
भाजपा नेता और पूर्व पहलवान ने अपनी छोटी बहन साक्षी मलिक के पहलवानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दिलाने के दावे को झूठा करार दिया है. फोगट ने ट्विटर पर पोस्ट किए अपने लंबे स्पष्टीकरण में कहा, 'मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि छोटी बहन जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था. सहमति का कोई सबूत नहीं है और न ही इससे मेरा लेना-देना है'
साक्षी को 'कांग्रेस के हाथों की कठपुतली' कहते हुए, बबिता ने कांग्रेस नेताओं दीपेंद्र हुड्डा और प्रियंका गांधी को जानबूझकर शामिल करने का आरोप लगाते हुए विरोध में सबसे आगे रहने वाले पहलवान की खिंचाई की. वो बोलीं, 'मैं विरोध की शुरुआत से ही इस चीज के पक्ष में नहीं थी.'
अपने रिप्लाई में, साक्षी मलिक ने हालांकि दोबारा साफ किया कि उन्होंने तीरथ राणा और बबीता फोगट पर ताना मारा था, 'कैसे वे अपने स्वार्थ के लिए पहलवानों का उपयोग करने की कोशिश कर रहे थे और कैसे जब पहलवान मुसीबत में थे, तो वे जाकर सरकार की गोद में बैठ गए.'
साक्षी ने अपने 11 मिनट लंबे वीडियो में स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि डब्ल्यूएफआई और बृज भूषण के खिलाफ है. रियो ओलंपिक की पदक विजेता ने विरोध की राजनीतिक प्रेरणा और कांग्रेस की संलिप्तता के बारे में संदेह को यह कहते हुए दूर किया था कि भाजपा के तीरथ राणा और बबीता फोगट ने उन्हें अनुमति पत्र प्राप्त करने में मदद की थी.
वीडियो में, दोनों ने अनुमति पत्र भी दिखाया जिसमें बबीता फोगट के नाम का जिक्र था लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं थे.