हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ ने तीन मान्यता प्राप्त जिला इकाइयों के सचिवों को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन में कथित संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर दिया है. हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के अध्यक्ष रोहताश सिंह ने पत्र जारी कर झज्जर के वीरेंद्र सिंह दलाल, हिसार के संजय सिंह मलिक और मेवात के जय भगवान को निलंबित कर दिया और राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे पहलवानों के विरोध में उनकी कथित संलिप्तता को ‘अनैतिक’ करार दिया.
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रोहताश ने कहा, 'तीनों अभी भी प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी गतिविधियों को जारी रखे हुए हैं जो पूरी तरह से अनैतिक है और डब्ल्यूएफआई के साथ-साथ हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के उद्देश्यों और नियमों के खिलाफ है.' रोहताश के फैसले ने हालांकि संघ के भीतर उत्पन्न हुए मतभेदों को प्रकाश में ला दिया है जो कि डब्ल्यूएफआई से मान्यता प्राप्त है. इसके महासचिव राकेश सिंह ने जिला अधिकारियों के निलंबन को गलत कदम बताया. राकेश ने दावा किया कि अध्यक्ष के पास उन्हें निलंबित करने की कोई शक्ति नहीं है.
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में उन्हें (तीन जिला अधिकारियों को) निलंबित किया गया है वे गलत और भ्रामक हैं. रोहताश ने हिसार जिले के मिर्चपुर गांव में शहीद भगत सिंह कुश्ती अकादमी के प्रबंधकों अजय सिंह ढांडा और जय भगवान लाठर पर प्रतिबंध लगाने का एक और आदेश भी जारी किया. अध्यक्ष ने कहा कि अकादमी और दोनों प्रबंधकों को कथित तौर पर राज्य संघ और डब्ल्यूएफआई विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
कई पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के सांसद डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं. प्रदर्शनकारी एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोप में बृजभूषण के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी. पहलवानों ने हालांकि उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है.