पूर्व पहलवान और बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने IOA के एड हॉक पैनल की जमकर आलोचना की है. दरअसल पैनल ने छह प्रदर्शनकारी पहलवानों के लिए आगामी एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियनशिप चयन को वन बाउट कम्पीटीशन बना दिया है, जिसके बाद उन्हें अपनी जगह पक्की करने के लिए सिर्फ ट्रायल के विजेताओं को हराना होगा.
6 पहलवानों को ये खास छूट दिए जाने के बाद ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने ट्विटर पर अपना एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने कई पहलुओं पर बात की. उन्होंने इस वीडियो का कैप्शन दिया है,'क्या धरना देने वाले खिलाड़ियों का यही मकसद था? कुश्ती के लिए यह काला दिन!!'. उनके मुताबिक ये बाकी जूनियर पहलवानों के लिए पक्षपात भरा फैसला है और भारतीय कुश्ती के लिए बिलकुल सही नहीं है.
दत्त ने सबसे पहले इस तरह का कदम उठाने के लिए तदर्थ पैनल द्वारा इस्तेमाल किए गए मानदंडों पर सवाल उठाया और अन्य पहलवानों के साथ अनुचित व्यवहार करने के लिए पैनल की आलोचना की.
उन्होंने पूछा, 'पैनल ने सभी 6 पहलवानों को एक बाउट ट्रायल में भाग लेने की अनुमति क्यों दी है, जबकि वे लगभग एक साल से नहीं खेल रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'रवि दहिया, अंशू मलिक, दीपक पुनिया और सोनम मलिक जैसे अन्य पहलवानों को यह मौका क्यों नहीं दिया गया?'
दत्त ने इसे पूरी तरह से गलत कदम बताते हुए कहा कि जिन पिछले अधिकारियों पर आरोप लगाया जा रहा है, उन्होंने भी इतना पक्षपातपूर्ण निर्णय नहीं लिया है जितना कि आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल ने बिना किसी नियम पर विचार किए या बिना कोई मानदंड बनाए लिया है.
उन्होंने अन्यायपूर्ण व्यवहार का सामना कर रहे अन्य सभी पहलवानों से भी आग्रह किया कि वे सामने आएं और तदर्थ पैनल के खिलाफ आवाज उठाएं. उन्होंने कहा,'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सड़कों पर उतरें और विरोध करें, कृपया कड़ी मेहनत करें लेकिन कृपया मीडिया की मदद से भी अपनी आवाज उठाएं, कृपया प्रधानमंत्री, गृह मंत्री खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और आईओए को पत्र लिखें और अन्याय को सामने लाएं.'
उन्होंने इसे भारतीय कुश्ती के लिए काला दिन बताया और स्वीकार किया कि हालांकि चयनित पहलवानों के लिए ऐसे फैसले अतीत में लिए गए हैं, उन्होंने कहा कि ऐसी स्वतंत्रता केवल उत्कृष्ट खिलाड़ियों और हाल के खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दी गई थी. उन्होंने कहा, 'ये पहलवान करीब एक साल से, शायद एक साल से भी ज्यादा समय से मैट से दूर हैं.'
उन्होंने खाप पंचायतों और किसानों से भी आह्वान किया जो बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में पहलवानों का समर्थन कर रहे हैं. चूंकि उन्होंने विरोध प्रदर्शन में सक्रिय रूप से भाग लिया है, इसलिए उन्होंने उनसे ऐसे तदर्थ पैनल निर्णयों का भी विश्लेषण करने का अनुरोध किया.
उन्होंने विरोध प्रदर्शन के पीछे की वजह पर भी सवाल उठाया, 'यह विरोध यौन उत्पीड़न के मामले में न्याय पाने के लिए हुआ या इसका लाभ उठाने के लिए?'
IOA के एड हॉक पैनल ने प्रदर्शनकारी पहलवानों की इच्छा की पूरी, चयन प्रक्रिया के लिए दी खास छूट