T20 WC के बाद हेड कोच नहीं रहेंगे राहुल द्रविड़, आसान नहीं होगा उनको रिप्लेस करना; ऐसी हैं उपलब्धियां

Updated : Jun 28, 2024 21:22
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Editorji News Desk

भारतीय टीम शनिवार को आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के लिए बारबाडोस में शनिवार को जब मैदान पर उतरेगी तो हेड कोच के तौर पर इस टीम के साथ राहुल द्रविड़ का यह आखिरी मैच होगा. द्रविड़ का कॉन्ट्रैक्ट बीते नवंबर में वनडे वर्ल्ड कप के बाद ही खत्म हो गया था लेकिन टीम मैनेजमेंट ने टी-20 वर्ल्ड कप तक उन्हें यह जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया था. टी-20 वर्ल्ड कप के भारतीय प्रसारक ने सोशल मीडिया पर 'डूइटफोरद्रविड़' का अभियान चलाया है जिसे क्रिकेट जगत और फैन्स का समर्थन मिल रहा है, लेकिन 51 साल के द्रविड़ इस खिताब को किसी व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि टीम के लिए जीतना चाहते हैं.

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द्रविड़ के लिए वर्ल्ड कप जीतना कोई व्यक्तिगत गौरव का क्षण नहीं होगा, बल्कि यह टीम की उपलब्धि होगी. उनके मुताबिक भारत अगर वर्ल्ड चैम्पियन बनता है तो यह टीम के प्रयास और रोहित शर्मा की प्रेरणादायी कप्तानी का परिणाम होगा. इस दिग्गज की अगुवाई में टीम इंडिया ने पिछले दो सालों में जोरदार प्रदर्शन किया है. राहुल द्रविड़ ने साल 2022 में टीम इंडिया की कोचिंग संभाली थी. टीम इंडिया ने उनकी कोचिंग में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप, वनडे वर्ल्ड कप और अब टी-20 वर्ल्ड कप तक के फाइनल में जगह बनाने में सफलता पाई है. 

अपने खेल के दिनों में भारतीय टीम की दीवार कहे जाने वाले द्रविड़ ने कई बार साबित किया कि वो निजी उपलब्धियों की बजाय टीम को प्राथमिकता देना पसंद करते हैं. द्रविड़ 2011 में इंग्लैंड दौरे पर शानदार लय में थे. वह इस दौरे पर सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी के तौर पर उभरे थे. इस समय कई लोगों का मानना था कि वह अब खेल को अलविदा कह देगें. इस दौरे के बाद बेंगलुरु में जब उसने इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनका ध्यान अभी साल के आखिर में होने वाले ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है. इस दौरे पर वह कोई निजी उपलब्धि हासिल नहीं करने की जगह भारतीय टीम के लिए टेस्ट सीरीज जीतना चाहते थे.

ऑस्ट्रेलिया में कई यादगार पारी खेलने वाले द्रविड़ ने तब कहा था, 'हमें ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतनी है और मुझे लगता है कि टीम के लिए मेरी यह जिम्मेदारी है.' वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण जैसे बल्लेबाज उस दौर में अपना नेचुरल गेम आसानी से खेल पाते थे क्योंकि उन्हें पता था कि दूसरे छोर पर दबाव झेलने के लिए द्रविड़ मौजूद थे. ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे के लगभग 12 साल के बाद द्रविड़ एक बार फिर से उसी तरह की स्थिति में हैं.

भारतीय टीम अगर केंसिंग्टन ओवल में वर्ल्ड कप जीतती है, तो इसका बहुत सारा क्रेडिट रोहित और टीम के खिलाड़ियों को जाएगा, लेकिन इसके एक नायकों में द्रविड़ भी शामिल होंगे. टीम जीते या हारे द्रविड़ उसी तरह से शांतचित रहेंगे जैसा कि वह खिलाड़ी के तौर पर थे.

 

Rahul Dravid

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