न्यूज़ीलैंड को इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाने में उनके एक 23 वर्षीय युवा खिलाड़ी रचिन रवींद्र का काफी अहम योगदान रहा है, इस खिलाड़ी ने अपने पहले वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में ही न्यूज़ीलैंड की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाए हैं.रचिन को भारत में सब बहुत पसंद कर रहे हैं.रचिन का परिवार भारत का ही मूल निवासी है,जो न्यूज़ीलैंड में जाकर बस गया है. वैसे रचिन को मिल रहे इस प्यार का एक और कारण भी है और ये कारण है उनका नाम.
भारतीय मीडिया में रचिन के नाम को लेकर एक चर्चा गरम है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा कहा जा रहा था कि उनका नाम भारत के दो महान पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के नाम से लेकर रचिन रखा था. लेकिन अब रचिन के पिता रवि कृष्णामूर्ति ने डिजिटल न्यूज़ प्लेटफ्रॉम द प्रिंट से बातचीत करते हुए बताया कि, उन्होंने जानबूझकर राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के नाम से अपने बेटे का नाम नहीं रखा था. उन्होंने बताया कि, "जब रचिन का जन्म हुआ तो उनकी पत्नी ने रचिन नाम की सलाह दी, और हमने इस नाम पर ज्यादा चर्चा नहीं की थी. यह नाम सुनने में अच्छा लग रहा था. इसकी स्पेलिंग आसान थी ,और यह छोटा भी था, तो हमने यही नाम रखना ठीक समझा. कुछ सालों के बाद हमने इस बात का एहसास हुआ कि यह नाम राहुल और सचिन के नाम का मिश्रण है. तो, उनका नाम जानबूझकर रचिन नहीं रखा गया था कि हमें अपने बच्चे को क्रिकेटर ही बनाना है या ऐसा कुछ."
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आपको बता दें कि रचिन ने इस वर्ल्ड कप में बल्ले और गेंद दोनों से परफॉर्म किया है. रचिन अब तक खेले गए कुल 9 मैचों में 70.62 की औसत से 565 रन बनाए हैं, जिसमें 3 शतक और 2 अर्धशतक शामिल हैं. वह न्यूज़ीलैंड की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं, और भारत के खिलाफ होने वाले सेमीफाइनल मैच में भी रचिन से उनकी टीम को काफी उम्मीदें होंगी.