पहलवान बजरंग पूनिया को कोच नरेश दहिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी है. दहिया ने इस पहलवान पर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तामान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने बयान से उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था.
पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान बजरंग ने कहा था कि दहिया के पास उनके आंदोलन का विरोध करने का नैतिक आधार नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ बलात्कार का मामला चल रहा है. दहिया ने तब अदालत का रुख किया था. बजरंग को हाल ही में एशियाई खेलों में हार का सामना करना पड़ा था. वह बिना पदक के वापस लौटे थे.
अदालत में दहिया की पैरवी करने वाले वकील को बताया, 'बजरंग ने अदालत में खुद उपस्थिति से छूट मांगी थी. वह पहली तीन सुनवाई मौजूद नहीं रहे थे. वह आज शारीरिक रूप से पेश हुए और अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है. सुनवाई की अगली तारीख पांच मार्च है.' दहिया ने अदालत में दावा किया कि उन्हें बलात्कार के मामले में बरी किया जा चुका है और बजरंग के बयान से उनका नाम खराब हुआ.
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पहलवान बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है. बृजभूषण ने इन आरोपों ने इनकार किया और वे अब इस मामले में अदालती मुकदमे का सामना कर रहे हैं.