95 वनडे मुकाबलों में 65 में जीत यानी जीत प्रतिशत लगभग 70 के करीब. वर्ल्ड कप 2019 में सेमीफाइनल तक का सफर, चैंपियंस ट्रॉफी में फाइनल तक की राह. 19 में से 15 बाइलेटरल सीरीज पर कब्जा. यह वो रिकॉर्ड हैं, जो बतौर कप्तान विराट कोहली ने वनडे फॉर्मेट में कप्तानी करते हुए हासिल किए हैं. यहां तक कि टीम इंडिया को आईसीसी की तीन ट्रॉफी दिलाने वाले पूर्व कप्तान धोनी का वनडे में जीत प्रतिशत 59.52 का रहा, जबकि सौरव गांगुली का जीत पर्सेट 53.52 का रहा. वनडे में कप्तान कोहली का कद कितना विराट रहा यह आंकड़े चीख-चीखकर गवाही दे रहे हैं.
तो फिर सिर्फ आईसीसी ट्रॉफी हाथ ना आने के चलते कोहली से वनडे की कप्तानी छीन लेना कितना सही है? जी, बिलकुल सही सुना है आपने रिपोर्ट्स के मुताबिक विराट को सम्मानजनक तरीके से कप्तानी से हटाया नहीं गया है, बल्कि उनको 48 घंटे का अल्टीमेटम देकर कप्तानी छीनी गई है. भारतीय टीम को नए मुकाम तक पहुंचाने वाले और विदेशी धरती पर जीत क्या होती है इसका स्वाद चखाने वाले कप्तान के साथ ऐसा व्यवहार कितना ठीक है यह आप खुद तय कीजिए.
विराट का गुनाह सिर्फ इतना सा है कि वह अपनी अगुवाई में टीम को एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं दिला सके और यही बात उनके खिलाफ गई है. पर सवाल तो यह भी है कि क्या नए वनडे कप्तान रोहित शर्मा वर्ल्ड कप जीताने की गारंटी हैं? टी-20 फॉर्मेट में रोहित कितने कामयाब कैप्टन हैं यह बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन 50 ओवर के फॉर्मेट में हिटमैन ने सिर्फ 10 वनडे मैचों में भारतीय टीम की अगुवाई की है, जिसमें से आठ में जीत हाथ लगी है. लेकिन, सवाल तो यह है कि 2023 में होने वाले विश्व कप में भगवान ना करें बतौर कप्तान रोहित फेल हो गए तो सिलेक्टर्स को कोहली के फैन्स को जवाब देना भारी पड़ जाएगा.