India @75: भारतीय खेलों के सबसे ऐतिहासिक क्षण

Updated : Aug 13, 2021 15:13
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Editorji News Desk

15 अगस्त 1947 के दिन मिली आजादी के बाद 'खेल' एक ऐसा जरिया बना जिसने भारत को दुनिया से ना सिर्फ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई बल्कि देश को पहचान दिलाने में भी अहम योगदान दिया. editorji पर आज हम आपको बताते हैं भारतीय खेलों के वो सबसे खास लम्हे. 

1948- भारत ने जीता ओलंपिक गोल्ड

  • साल 1948, एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत ने अपना पहला ओलंपिक गोल्ड इसी साल जीता 
  • आजादी के ठीक बाद लंदन में हुए ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने अंग्रेजों को 4-0 से जब रौंदा तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई
  • 1948 के ओलंपिक गोल्ड के साथ ही आजाद भारत में खेलों का स्वर्णिम अध्याय शुरू हुआ

1960- मिल्खा को 'फ्लाइंग सिख' का दर्जा
मिल्खा सिंह के लिये ट्रैक एक खुली किताब की तरह था जिससे उनकी जिंदगी को "मकसद और मायने" मिले. उन्होंने संघर्षों की नींव पर उपलब्धियों की ऐसी अमर गाथा लिखी जिसने उन्हें भारतीय खेलों के इतिहास का युगपुरूष बना दिया.

  • 1960 में मिल्खा सिंह ने पाकिस्तान के अब्दुल खालिक को हराया था
  • नेहरू के कहने पर मिल्खा पाकिस्तान गए और अब्दुल खालिक को हराया
  • उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने उन्हें "फ्लाइंग सिख" नाम दिया था
  • रोम ओलंपिक 1960 में 400 मीटर की रेस में मिल्खा सिंह चौथे नंबर पर रहे और ब्रॉन्ज से चूक गए 
  • मिल्खा ने 400 मीटर की रेस को 45.6 सेकंड में खत्म किया, उनकी टाइमिंग 38 साल तक राष्ट्रीय रिकॉर्ड रही 

1983 वर्ल्ड कप 
भारत के लिए क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक धर्म है, और 1983 का वर्ल्डकप एक धर्मगाथा. कपिल देव के सुपर-11 ने अपने पसीने से जो इतिहास 1983 में रचा, ये उसी का नतीजा है कि भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जूनून है. 

  • 1983 वर्ल्ड कप में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दिग्गज वेस्ट इंडीज के सामने मात्र 183 रन बनाए
  • एक लो स्कोरिंग टोटल के बावजूद टीम इंडिया ने अनबीटेबल वेस्ट इंडीज को धूल चटा दी 
  • 1983 वर्ल्ड कप टीम इंडिया के लिए टर्निंग प्वॉइंट रहा, इसके बाद भारत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा


ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद
खेलों के ऐतिहासिक क्षणों में इंडिया के पहले ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद का जिक्र तो बनता ही है. विश्वनाथन आनंद के सिर पर 5 बार शतरंज की बादशाहत का ताज सज चुका है. 

  • 24 दिसंबर, 2000 को आनंद पहली बार शतरंज के विश्व चैंपियन बने 
  • आनंद ने स्पेन के एलेक्स शिरोव को हराकर चैंपियनशिप जीती 
  • इससे बाद 2007, 2008, 2010 और 2012 में विश्व विजेता रहे 
  • आनंद ने 2007 के टूर्नामेंट में आठ खिलाड़ियों के बीच खिताब जीता था

T-20 वर्ल्ड कप जीत 

24 सितंबर 2007...ये तारीख भारतीय क्रिकेट टीम और क्रिकेट फैन्स के लिए बेहद यादगार और खास है. कैप्टन कूल धोनी की अगुवाई में एक युवा भारतीय टीम ने ICC का पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर एक नया इतिहास रच दिया था. 

  • ये वो वक्त था जब टीम इंडिया की हालत अच्छी नहीं थी, सीनियर्स ने किनारा कर लिया था 
  • भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 157 रन बनाए थे
  • यंग टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में पाकिस्तान को 5 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया था
  • इसी टूर्नामेंट में युवराज सिंह ने इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रोड के एक ओवर में 6 छक्के मारकर सनसनी फैला दी थी

गोल्ड की 'अभिनव' क्रांति
साल 2008 में भारत के 'गोल्डन' शूटर अभिनव बिंद्रा ने कहा था- वो 10 शॉट्स, वाकई जादुई थे और मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ.

  • अभिनव बिंद्रा ने 11 अगस्त 2008 को बीजिंग ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल जीता 
  • वो व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं 
  • एथेंस ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता झू किनन को हराकर अभिनव ने गोल्ड जीता था 

2011 वनडे वर्ल्ड कप 
मुंबई में खेले गए फाइनल मैच में कैप्टन कूल ने टीम को फ्रंट से लीड किया. धोनी के छक्के से 28 साल बाद टीम इंडिया ने वनडे का वर्ल्ड कप एक बार फिर अपने नाम किया.

  • 2 अप्रैल 2011 को भारत और श्रीलंका के बीच वर्ल्ड कप का फाइनल हुआ
  • भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर 28 साल बाद फिर से ODI वर्ल्ड कप अपने नाम किया
  • श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 274 रन बनाए थे
  • धोनी ने विनिंग सिक्स लगाकर टीम को जीत दिलाई 

नीरज चोपड़ा
खेलों के यादगार लम्हों में अगर गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा को याद ना किया जाए तो फिर सब बेकार है. भारत ने ओलंपिक खेलों में 10 गोल्ड मेडल जीते हैं लेकिन नीरज (Neeraj Chopra) का गोल्ड इसमें बेहद खास है. ये ओलंपिक के इतिहास में एथलेटिक्स ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला गोल्ड मेडल है. टोक्यो में हरियाणा के पानीपत के इस 23 साल के लड़के ने अपने गोल्डन थ्रो से ऐसा जेवलिन फेंका कि इतिहास ही बन गया.

नीरज का गोल्ड खास क्यों?

  • टोक्यों में नीरज ने 87.58 मीटर दूरी तक भाला फेंका
  • कोई दूसरा एथलीट 87 मीटर का आंकड़ा भी नहीं छू सका
  • ट्रैक एंड फील्ड एथलेटिक्स में भारत का पहला गोल्ड मेडल
  • व्यक्तिगत इवेंट में अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरा गोल्ड नीरज ने जीता
India @ 75Neeraj Chopra1983 World CupOlympicsIndependence Day 2021India at 75

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