IPL की ऑरेंज आर्मी कही जाने वाली टीम सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) इस 14वें सीजन में अपना दूसरा खिताब जीतने के इरादे से उतरेगी. ये टीम प्लेऑफ (Playoffs) में हर बार पहुंचती रही है, लेकिन ट्रॉफी से चूकती रही है. हैदराबाद के ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो-
सनराइजर्स का सफर
सनराइजर्स ने अपना एकमात्र खिताब 2016 में जीता था
2017 में टीम एलिमिनेटर में KKR से हार गई थी
2018 में टीम फाइनल में पहुंची, लेकिन चेन्नई से हार गई
बीते दो सालों में टीम को दिल्ली कैपिटल्स से एलिमिनेटर और क्वालिफायर-2 में हार का सामना करना पड़ा
पिछले पांच सालों में हैदराबाद का IPL में प्रदर्शन काफी जबरदस्त रहा है. इसलिए टीम ने इस साल भी अपना कोर ग्रुप कायम रखा है. इस साल हुई नीलामी में उन्होंने नए खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया है. कुछ ही खिलाड़ियों को बैकअप के रूप में लिया है. आइए एक नजर अब ऑरेंज आर्मी की पावर पर डालते हैं-
सनराइजर्स की पावर
वार्नर-बेयरस्टो की धमाकेदार बल्लेबाजी टीम की ताकत
अगर ये जोड़ी लय में हो तो उनके लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं
केन विलियम्सन और जेसन रॉय का डबल इंजन टीम की मजबूती
सनराइजर्स हैदराबाद की गेंदबाजी है दमदार
भुवनेश्वर कुमार के अलावा राशिद खान की धांसू गेंदबाजी प्लस प्वॉइंट
टी-20 में अपनी यॉर्कर के लिए मशहूर टी नटराजन भी इसी टीम का हिस्सा
इन सब खूबियों के अलावा सनराइजर्स की कुछ कमजोरियां भी हैं जो उन्हें फाइनल में खिताब जीतने से रोकती हैं.
ये हैं टीम की कमजोरियां
हैदराबाद अपने मिडिल ऑर्डर को मजबूत करना चाहेगी
विलियम्सन को छोड़ दें तो मिडिल ऑर्डर में अनुभव की कमी
टीम में फिनिशर की कमी जो डेथ ओवरों में तेजी से रन बटोर सके
सनराइजर्स हैदराबाद विदेशी खिलाड़ियों पर ज्यादा निर्भर है
इसमें दुविधा है कि किन चार विदेशियों को शामिल करें
हालांकि कुछ कमजोरियां टीम में जरूर हैं, लेकिन ओवरऑल सनराइजर्स हैदराबाद एक मजबूत टीम है और खिताब की प्रबल दावेदार भी.