Lata Mangeshkar Birthday Special: स्वर कोकिला लता मंगेशकर

Updated : Sep 27, 2021 13:31
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Editorji News Desk

ऑल इंडिया रेडियो में गानों का सिलसिला ज़ारी था. मधुबाला और अशोक कुमार की फिल्म महल के गाने 'आएगा आने वाला' का जब नंबर आया तो कुछ ऐसा हुआ, जो आजतक हुआ नहीं था . 

एआईआर के दफ्तर में फोन खड़कने का सिलसिला शुरू हुआ ..... सब का बस एक ही सवाल था, कि इस मदहोश करने वाले गाने में किस  सिंगर की सुरीली आवाज़ है. एआईआर ने पहली बार किसी फ़िल्मी गाने के सिंगर का नाम बताया था. एक ऐसा नाम जो आगे जाकर हर एक हिंदुस्तानी के ज़हन में बसने वाला था ..... स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)


 लता दीदी ने उस समय से लेकर डिजिटल म्यूज़िक के दौर तक अपनी आवाज़ का जलवा बिखेरा. 'आएगा आनेवाला' में लता की तारीफ खुद जानी मानी सिंगर जद्दनबाई  ने की थी, ये वो ही आवाज़ थी जिसे सुनकर उनके चाचा से लेकर फूफा तक कहते थे ' की ये लड़की अपनी पिता का नाम डुबोएगी'


  मशहूर नाटकार और शास्त्रीय संगीत गायक दीनानाथ मंगेशकर (Dinanath Mangeshkar) की बेटी लता  ने फिल्मों में एक्टिंग भी की थी. पर उन्हें एक्टिंग कुछ रास नहीं आई . पिता के 1942 में हुए निधन के बाद घर की बड़ी बेटी लता पर अपने पूरे  परिवार का भार आया. जिसे पूरा करने के लिए लता मुंबईं आईं. वहां से हुई शुरुआत, सात दशक तक 36 भाषाओं में हज़ारों लोकप्रिय गीत गाने वाली लता ताई की.


लता कि आवाज़ कितनी सुरीली और बुलंद थी इसका अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि लता कि आवाज़ में ' ए मेरे वतन के लोगों' सुनकर खुद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवहार लाल नेहरू (Jawahare Lal Nehru) कि ऑंखें नम हो गई थी 


लता को संगीत की दुनिया में लेकर आये संगीतकार गुलाम हैदर. गुलाम हैदर से लेकर एस डी बर्मन (SD Burman)  और फिर ऐ आर रेहमान से लेकर जतिन ललित तक.. लता ने हर पढ़ी के म्यूज़िक कम्पोज़र के साथ काम किया. किसी ने लता की आवाज़ को पतला बोला तो किसी ने लता के प्रोनाउन्सिएशन में खामी ढूंढी. पर लता हारी नहीं . लता के मुताबिक उन्होंने हर म्यूज़िक कम्पोज़र से कुछ न कुछ कुछ सीखा. संगीत की देवी लता को अपनी आवाज़ की अहमियत पता थी, शायद  इसलिए जब अपने गानों को लेकर रॉयलिटी की बात आई तो उनकी बहुत से दिग्गज कलाकरों से से लड़ाई भी हुई. चाहे वो राज कपूर हों, या मोहमद रफ़ी या फिर एस डी बर्मन. इन सब से मनमुटाव होने के बाद भी लता ने रॉयलिटी को सिंगर का हक़ बताया . यहाँ तक कि वो और भी सिंगर्स के रॉयल्टी लेने की वकालत करती रहीं.


राज कपूर (Raj Kapoor) जिन्होंने रॉयलिटी के कारण  लता के साथ काम करने से मना कर दिया था, उनको भी स्वर कोकिला के सामने घुटने टेकने पड़े. राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर की डेब्यू फिल्म में लता को रॉयल्टी दी ... और फिल्म के लिए लता ने गाय ये  सदाबाहर गाना . ये कहना गलत नहीं होगा की हिंदी सिनेमा की बहुत सी बेहतरीन अभिनेत्रियों के करीयर को आसमान तक पहुंचाने में लता मंगेशकर की आवाज़ का बहुत बड़ा हाथ है. कहा जाता था की लता ने जिस भी एक्ट्रेस को अपनी आवाज़ दे दी वो आम से ख़ास बन जाती थी.  चाहे वो रेखा हो या फिर श्रीदेवी 90 का दशक आते आते लता ने गाना गाना कम कर दिया था.  पर उनकी आवाज़ का जादू कम नहीं हुआ था. इसका परफेक्ट एग्जाम्पल है 'हम आपके है कौन'.  जिसमें इंडियन सिनेमा की पहली फीमेल सुपरस्टार माधुरी दीक्षित को, पहली बार मिली लता मंगेशकर की आवाज़ 


 या फिर दिल वाले दुल्हैया ले जायेंगे  में काजोल के लिए प्लेबांग सिंगिंग करना ही क्यों न हो. लता ने 63 साल की उम्र में भी बता दिया की उनकी आवाज़ आज भी उतनी  मधुर और बुलंद है जितना वो पहले थी

लता को बहुत बार उनकी बहन आशा भोसले से कम्पयेर किया गया.  कुछ लोगों ने यहां तक कहा की लता की वजह से आशा का करियर नहीं चल पाया. पर लता का मानना है कि वो आशा जितनी वर्सटाइल  सिंगर नहीं है. एक इंटरव्यू में लता ने बताया कि जहां आशा किसी भी तरीके का गाना गा सकती है, उनके लिए वो उतना मुमकिन नहीं है. लता ने अपने करियर में सिर्फ 1969 में आई फिल्म इंतकाम में  'आ जाने जां' कैबरे सॉन्ग गाया.

 पर्सनल लाइफ की बात करें तो लता  का नाम दिग्गज गायक भूपेन हज़ारिका के साथ जोड़ा गया . लता और भूपेन के अफेयर कि खबर कि पुष्टि खुद भूपेन कि पत्नी ने कि . लता का नाम क्रिकेटर राज सिंह डूंगरपुर  के साथ भी जोड़ा गया. हालांकि लता ने इसपर कभी भी कुछ बात नहीं की. लता को साड़ियों और डायमंड का शौक है. लता ने कभी भी शादी नहीं की , जब मीडिया ने उनसे पूछा की वो अब अपना समय कैसे स्पेंड करती हैं तो उन्होंने बताया की वो दोस्तों के साथ बातें करना और हंसी मज़ाक करना पसदं करती हैं.  


 लता को वर्ष 1972 में 'परिचय', 1975 में 'कोरा कागज' और वर्ष1990 में 'लेकिन' के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा लता को 1969 में पद्मभूषण, 1989 में दादा साहब फाल्के सम्मान, 1999 में पद्मविभूषण और 2001 में देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है.

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