BS Yediyurappa के इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक में सियासी संकट तो आया ही है अब इसने धार्मिक रूप भी ले लिया है. येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद लिंगायत समुदाय ने कड़ा रुख अपना लिया है और बीजेपी को धमकी दी है कि उसे अपने इस फैसला का नुक्सान भुगतना पड़ेगा. कर्नाटक में सबसे असरदार लिंगायत मठों के प्रमुखों ने इस मुद्दे पर एक बैठक करने का फैसला किया है और बीजेपी को चेतावनी दी है कि अगर उसने येदियुरप्पा को कार्यकाल पूरा नहीं करने दिया तो प्रदेश में उसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. कर्नाटक में लिंगायतों की पैठ का अंदाजा आप यहीं से लगा लीजिए कि राज्य की कुल आबादी में इस समुदाय का हिस्सा 17% के आसपास है. इतना ही नहीं राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से करीब 100 सीटों पर लिंगायत समुदाय का असर है और चुनाव में इनकी भूमिका निर्णायक की होती है.
बीजेपी के खिलाफ लिंगायत समुदाय का रोष बढ़ता जा रहा है. सोमवार को येदियुरप्पा के गृह जिले में उनके समर्थकों ने सभी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करवा दिया और उनके पक्ष में नारेबाजी की. वहीं कोट्टूर के वीरशैव शिवयोग मंदिर के मठाधीश्वर संगना बासव स्वामी ने कहा है कि येदियुरप्पा को हटाने का षड्यंत्र राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन का है लेकिन वो याद रखें कि कर्नाटक में लिंगायतों की चलती है, आरएसएस की नहीं. दूसरी तरफ कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने येदियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.