देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के बीच अब खतरनाक फंगल इन्फेक्शन म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) यानी ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. ये वायरस नब्बे प्रतिशत लोगों को अंधा बना रहा है. ये वायरस नाक से होता हुआ दिमाग तक पहुंच जाता है. महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान समेत कई प्रदेशों में इस बीमारी से हाहाकार मचा हुआ है. राजस्थान सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है. इंडियन काउन्सिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ICMR का मानना है कि ये संक्रमण उन लोगों को हो रहा है, जो कोरोना से रिकवर कर चुके हैं. क्या है ये संक्रमण? जानते हैं इसके लक्षण और बचाव से जुड़ी हर बात
म्यूकोरमाइकोसिस म्यूकर यानी ब्लैक फंगस (Black Fungus) से होने वाली बीमारी है. म्यूकर गीली सतह पर पायी जाने वाली फंगस है. ये बहुत तेज़ी से संक्रमण फैलाती है. जिस जगह पर ये संक्रमण होता है वहां की त्वचा या अंदरूनी हिस्सा काले रंग का पड़ जाता है. नाक और मुंह के ज़रिये होने वाला ये संक्रमण इतना खरतनाक है कि अगर ये दिमाग तक पहुंच जाए तो इंसान की जान तक जा सकती है
ये ब्लैक फंगस (Black Fungus) वातावरण में हर जगह मौजूद हो सकता है. धूल के कण, पेड पौधे, खेत, बगीचों में हर जगह म्यूकर मौजूद हो सकता है और अगर ये नाक या मुंह के ज़रिये आपके शरीर में पहुंच गया तो संक्रमण फैला सकता है.
कोरोना वायरस की वजह से लोगों की इम्यूनिटी बहुत कमज़ोर हो जाती है जिसके कारण ब्लैक फंगस उन पर जल्दी अटैक करता है. ICMR के मुताबिक खासकर डायबिटीज के रोगियों में जिन लोगों का शुगर कंट्रोल नहीं है और वो कोरोना से संक्रमित हो जाएं, तो इस इंफेक्शन का खतरा काफी बढ़ जाता है. ऐसे पेशेंट्स जो इम्यूनोसप्रेसिस यानी स्टेरॉइड्स या फिर दूसरी किसी दवाइयों पर चल रहे हों, उन में ये होने की संभावना ज़्यादा होती है. इसके अलावा अगर आप ट्रीटमेंट के दौरान आईसीयू में रहे हैं तो भी ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है.
सिरदर्द, बुखार और आंखों के नीचे दर्द
नाक से खून बहना, पपड़ी जमना या काला-सा कुछ निकलना
नाक का बंद होना
सिर और आंख में दर्द
आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना, आंखों का लाल होना, कम दिखाई देना, आंख को खोलने-बंद करने में दिक्कत होना,
फेशियल नंबनेस, मुंह को खोलने में या कुछ चबाने में दिक्कत होना
अगर आपको ब्लैक फंगस के लक्षण नज़र आते हैं तो आपको क्या करना है इस बारे में जानकारी देते हुए AIIMS ने गाइडलाइन जारी की है.
1- किसी ENT डॉक्टर या आंखों के एक्सपर्ट से तुरंत संपर्क करें
2- ट्रीटमेंट को हर रोज़ फॉलो करें. अगर डायबिटीज़ है तो ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहें
3- कोई अन्य बीमारी हो तो उसकी दवाई लेते रहें और मॉनिटर करें
4- खुद ही स्टेरॉयड या किसी अन्य दवाई का सेवन ना करें. डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें
5- डॉक्टर की जरूरी सलाह पर MRI और CT स्कैन करवाएं. नाक-आंख की जांच भी जरूरी है
1. कोविड से ठीक होने के बाद भी अपना ब्लड शुगर जांचते रहें और डायबिटीज को कंट्रोल करें.
2. डॉक्टर्स स्टेरॉइड के डोज उचित समय तक और उचित मात्रा में दें. अत्यधिक मात्रा में स्टेरॉयड का उपयोग खतरनाक हो सकता है.
3. ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर का पानी साफ रखें. ऐसा करने से इस इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है.
4. काफी समय से अंदर रखी हुई चादरों को तुरंत इस्तेमाल करने से बचें.
5. ऑक्सीजन देने के लिए लगाए जाने वाले पाइप को साफ़ करना बहुत ज़रूरी है. किसी भी दूसरे व्यक्ति के इस्तेमाल से पहले इन्हें साफ़ करें
6. नाक में सूजन या मुंह में अल्सर होने पर उसका जल्द से जल्द इलाज करवाएं. इलाज में देरी करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.