पेगासस स्पाईवेयर (Pegasus spyware) से कथित जासूसी के मामले में जवाबों की तलाश कर रहे विपक्ष का इंतजार और लंबा होगा...क्योंकि सरकार ने इससे बचने का नया जुगाड़ निकाल लिया है. हिंदुस्तान अखबार के मुताबिक केन्द्र सरकार (Central Government) ने राज्यसभा सचिवालय को एक पत्र भेजा है. जिसमें कहा गया है कि पेगासस के मुद्दे पर संसद में सवाल की अनुमति न दी जाए क्योंकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
दरअसल माकपा सांसद बिनॉय विश्वम (Binoy Vishwam) ने सरकार से सवाल पूछा था कि क्या सरकार ने इजरायल की साइबर सुरक्षा फर्म NSO ग्रुप के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है या नहीं? सरकार को इसी पर जवाब देना था लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नौ जनहित याचिकाएं दाखिल हो गई.
अब सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि जो मामला कोर्ट में विचाराधीन है उस पर फिलहाल जानकारी नहीं दी जा सकती. बिनॉय विश्वम ने बताया कि मुझे अनौपचारिक रूप से सूचित किया गया है कि मेरे प्रश्न को अस्वीकार कर दिया गया था, लेकिन मुझे अभी तक फॉर्मल रेस्पोंस नहीं मिला है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को है. दूसरी तरफ संसद में इस मुद्दे पर लगातार गतिरोध बना हुआ है.