आदिवासियों के अधिकारों के लिए जिंदगी भर लड़ने वाले स्टैन स्वामी के निधन पर लोगों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों के नेताओं में गम और गुस्सा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फादर स्टैन स्वामी के निधन पर दुख जताते हुए लिखा- वो न्याय और मानवता के हकदार थे.
राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट किया - देश के तानाशाह को फादर स्टैन स्वामी की 'हत्या' की मुबारकबाद!
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा - ये सबसे सज्जन और दयालु पुरुषों में से एक की हत्या है. दुर्भाग्य से हमारी न्यायिक व्यवस्था भी इस हत्या में शामिल है.
CPI महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा - एक पादरी और सामाजिक कार्यकर्ता जिन्होंने हाशिए पर पड़े लोगों की मदद की, उन्हें अक्टूबर 2020 से बिना किसी आरोप के सिद्ध हुए अमानवीय व्यवहार और हिरासत का सामना करना पड़ा. हिरासत में हुई इस हत्या की जवाबदेही तय होनी चाहिए.
तो इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्वीट कर लिखा- फादर स्टैन स्वामी ने अपना पूरा जीवन वंचितों के लिए काम करते हुए बिताया. उनकी दुखद मौत न्यायिक हत्या का मामला है, जिसके लिए गृह मंत्रालय और अदालतें संयुक्त रूप से दोषी हैं.