दिल्ली में जारी किसान आंदोलन को लेकर शिवसेना ने कांग्रेस पर हमला बोला है. अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने यूपीए गठबंधन का नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार को सौंपने की वकालत की है. सामना में लिखा है कि यूपीए नाम के एक राजनीतिक संगठन की कमान कांग्रेस के नेतृत्व में है. यूपीए वर्तमान में एक एनजीओ की तरह प्रतीत हो रहा है, यही वजह है कि इस गठबंधन में शामिल पार्टियां किसान आंदोलन को लेकर बेफिक्र हैं. एनसीपी के अलावा इस गठबंधन में शामिल किसी भी पार्टी ने मुखर होकर आवाज नहीं उठाई है. राहुल गांधी को लेकर संपादकीय में कहा गया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कहीं ना कहीं कुछ कमी है.