इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक लगाए दो साल से ज्यादा हो गए हैं, टी-20 की कप्तानी से इस्तीफा दिया तो वनडे की बागडोर छीन ली गई. क्रिकेट पंडितों के अनुसार वो रन मशीन वाला दौर अब बीती बात हो गई है. यह सब वहीं सवाल हैं, जो इन दिनों विराट कोहली और उनकी बल्लेबाजी को लेकर उठ रहे हैं. लेकिन, अब समय है इन आलोचकों के मुंह पर ताला लगाने का. विराट को अपने बल्ले से जौहर दिखाने के लिए साउथ अफ्रीका से बढ़िया जगह क्या ही मिलेगी. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं आइए वो आपको समझाते हैं.
विराट को साउथ अफ्रीका का बॉलिंग अटैक और उसकी धरती दोनों ही खुद रास आती है. कोहली ने साउथ अफ्रीका में खेले 5 टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 55.80 की औसत से 558 रन बनाए हैं. इस दौरान भारतीय टेस्ट कप्तान ने दो शतक और दो फिफ्टी जमाई हैं. मेजबान टीम की सरजमीं पर विराट का सर्वाधिक स्कोर 153 रन रहा है.
यह तो बात हुई साउथ अफ्रीका की धरती की, लेकिन क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में इस टीम के बॉलिंग अटैक के सामने आते ही कोहली का कद विराट हो जाता है. ओवरऑल रिकॉर्ड की कहानी यह है कि दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 12 मैचों की 20 पारियों में 59.72 की जानदार औसत से 1075 रन ठोके हैं. इसमें तीन सेंचुरी तो इतनी ही फिफ्टी भी कोहली के बल्ले से निकली है. आंकड़े तो साथ हैं, पर परिस्थिति विपरीत हो रखी है, लेकिन इस बल्लेबाज का नाम भी विराट कोहली है जिसने 22 गज की पिच पर आजतक कभी हार नहीं मानी है.