कांग्रेस में आलाकमान को चिट्ठी लिख पार्टी में सुधार की मांग का मामला एक बार फिर उठा है. खत लिखनेवालों मेें शामिल वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि जिन 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी, उन्हें विद्रोही नहीं बल्कि पार्टी की विरासत के रक्षक के तौर पर देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि भले ही पत्र में 23 नेताओं ने ही साइन किए हों, लेकिन पार्टी में बहुत सारे लोग हैं जो इनकी बातों से सहमति रखते हैं. ये सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और उनका मकसद पार्टी को मजबूत बनाना है. इसे निजी हितों की लड़ाई बताकर कमजोर न किया जाए. स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं करने पर सिब्बल ने कहा कि पार्टी उन्हें कोई दायित्व न भी सौंपे तो भी वो इसे मजबूत बनाने का काम करते रहेंगे क्योंकि कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो बीजेपी का विकल्प बन सकती है.