भारत ने पुरुष हॉकी (Indian Men’s Hockey Team) में 4 दशक का सूखा खत्म करते हुए कांस्य पदक जीत लिया है. किस्मत की लकीरों को चुराते हुए भारतीय टीम ने कांस्य पदक के लिए जी-जान लगा दिया और जर्मनी की टीम को बेहद रोमांचक मुकाबले में 5-4 से हरा दिया. जर्मनी ने मैच के पहले मिनट में ही गोल किया था.
ब्रॉन्ज जीतने पर खुशी से झूमा देश, PM और राष्ट्रपति ने दी बधाई
एक समय भारत 1-3 से पिछड़ रहा था, लेकिन भारत ने जबर्दस्त वापसी करते हुए खुद को आगे कर कर लिया. हाफ़ टाइम ख़त्म होने पर दोनों टीमें 3-3 से बराबरी पर थीं लेकिन हाफ़ टाइम के बाद भारत ने जर्मन टीम को बैकफुट पर धकेलते हुए दो और गोल दागकर जर्मनी की टीम पर भारी दबाव बना दिया.
मैच के आखिरी लम्हों ने जर्मन टीम ने वापसी की भारपूर कोशिश की. लेकिन भारतीय डिफेंडरों और गोलकीपर श्रीजेश के मजबूत इरादों के आगे उनकी सारी कोशिशें धरी की धरी रह गई. मैच में भारत की तरफ़ से दो गोल सिमरनजीत सिंह ने किये और हार्दिक सिंह, हरमनप्रीत सिंह और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल दागे. भारतीय हॉकी टीम ने इससे पहले अंतिम बार 1980 में मेडल जीता था. तब टीम को गोल्ड मेडल मिला था. ओलंपिक के इतिहास की बात की जाए तो भारत ने 12वां मेडल जीता.