UP में अगले साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) हैं और ऐसे में मोदी सरकार एक बड़ा दांव लगाने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में एक संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दी जा सकती है, जिसे इसी मॉनसून सेशन में पारित कराने की कोशिश होगी. इस बिल के मुताबिक राज्यों को अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार होगा. दरअसल इसी साल 5 मई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ केंद्र सरकार ही बीसी की सूची बना सकती है, केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया है. कोर्ट ने कहा था कि साल 2018 में संविधान के 102वें संशोधन के जरिए अनुच्छेद 324A लाया गया था और इसके जिसके बाद राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक मान्यता मिल गई थी.
उस वक्त भी विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि इस संशोधन का असर राज्यों की ओर से ओबीसी लिस्ट बनाने की शक्ति पर पड़ेगा और हुआ भी ऐसा ही. दो साल बाद कोर्ट ने कहा कि इस संशोधन के बाद ऐसी सूची बनाने की शक्ति सिर्फ केंद्र के पास है. दरअसल पांच मई को मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया, जिसमें कोर्ट ने शिक्षा और नौकरी में मराठा रिज़र्वेशन को असंवैधानिक करार दे दिया. कोर्ट ने कहा कि समुदाय को कोटा के लिए पिछड़ा घोषित नहीं किया जा सकता, कोर्ट ने कहा था कि मराठा आरक्षण 50 % सीमा का उल्लंघन करता है.