जिन पांच राज्यों में चुनाव हुआ उसमें से एक बड़ा राज्य तमिलनाडु भी है. बीते कई सालों से राज्य की राजनीति दो क्षेत्रिय दलों और दो क्षत्रपों के इर्द गिर्द ही घूम रही थी लेकिन पहले साल 2016 में जयललिता और फिर साल 2018 में करुणानिधि के निधन के बाद राज्य का ये पहला चुनाव है जो अपने इन दो बड़े जननेताओं के बिना हो रहा है. साथ ही युवा मतदाताओं के कारण अभी तक चलती आ रही द्रविड़ राजनीति का स्वरूप भी अब काफी बदल गया है. बावजूद इसके जाति प्रदेश में एक बड़ा फैक्टर है और चुनाव के दौरान ये पूरी तरह से हावी भी रहा था.
वीओ: तमिलनाडु में बीते दस सालों से AIADMK की सरकार है. कमान ई के पलानीस्वामी के हाथ में है लेकिन उन्हें ये कुर्सी पार्टी के भीतर ही एक जंग लड़ कर प्राप्त हुई. दरअसल 2016 में जयललिता की निधन के बाद उनके सबसे विश्वासपात्र ओ पन्नीरसेल्वम सीएम बने लेकिन जयललिता की सहयोगी शशिकला के पार्टी में बढ़ते दखल के कारण दल दो धड़ों में बंट गया. इस राजनीतिक आपदा में बीजेपी ने एंट्री मारी और दोनों धड़ों के बीच सुलह करवाई जिसके बाद पलानीस्वामी सीएम और पन्नीरसेल्वम डिप्टी सीएम बन गए. तभी से राज्य में लोगों के बीच एक राय है कि तमिलनाडु को केंद्र सरकार अपने हिसाब से चलाती है. पर चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों की भूमिका राज्य में छोटे भाई की है. बीजेपी AIADMK के साथ मिल कर राज्य की 234 सीटों में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही जब AIADMK 179 पर मैदान में है. वहीं कांग्रेस और डीएमके एकसाथ चुनावी मैदान में है और यहां डीएमके 173 सीटों पर तो कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.
वीओ: राज्य की राजनीति में दो खिलाड़ी और भी हैं. पहले हैं सुपरस्टार अभिनेता कमल हासन और दूसरे हैं शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन. आइए एक नजर डाल लेते हैं इस चुनावी समर के बड़े नामों पर
\\\ ई के पलानीस्वामी - मुख्यमंत्री
\\\ ओ पन्नीरसेल्वम - उपमुख्यमंत्री
\\\ एमके स्टालिन - नेता प्रतिपक्ष
\\\ कमल हासन - फिल्म अभिनेता और MNM के प्रमुख
\\\ टीटीवी दिनाकरन - शशिकला के भतीजे और AMMK प्रमुख
वीओ: राज्य में कई ऐसी सीटें हैं जहां कांटें का मुकाबला है और लड़ाई साख की है. कौन सी हैं ये सीटें आइए जान लेते हैं.
\\\ इडप्पाडी ई के पलानीस्वामी
\\\ बोडिनायाकन्नूर ओ पन्नीरसेल्वम
\\\ थाउसंड लाइट्स खुशबु सुंदर
\\\ कोलाथुर एमके स्टालिन
\\\ चेपॉक उदयनिधि
\\\ कोविलपट्टी टीटीवी दिनाकरन
\\\ दक्षिण कोयंबटूर कमल हासन
वीओ: तमिलनाडु के अलावा नजर साथ लगते केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी पर भी है. 30 सीटों वाली यहां की विधानसभा में सत्ता अभी तक कांग्रेस के हाथ थी लेकिन ऐसा अनुमान है कि अब यहां बीजेपी बाजी मार सकती है और अगर ऐसा हुआ तो ये बीजेपी के लिए तमिलनाडु की राह को और विस्तार दे देगा.