क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि आप तनाव में हैं और चाहे भूख ना भी हो मगर आप कुछ ना कुछ खाते ज़रूर हैं. अगर हां तो जनाब ऐसा करने वाले आप अकेले नहीं हैं. दरअसल, तनाव में फूड क्रेविंग्स होना और कुछ ना कुछ खाते रहना Emotional eating या Stress Eating Disorder कहलाता है. तनाव में अधिक खाने के पीछे की वजह है कार्टिसोल हार्मोन. लंबे समय तक तनाव के चलते शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन अधिक बनने लगता है जो भूख को बढ़ा देता है.
दिलचस्प बात ये है कि, कई स्टडीज़ के मुताबिक, भावनात्मक रूप से कमज़ोर (Emotonaly weak) होने पर लोग खासतौर से अधिक फैट, शुगर वाली चीज या फिर दोनों खाते हैं.
हालांकि, नेगेटिव इमोशन से उबरने के लिए जो लोग खाने को जरिया बनाते हैं उन्हें अक्सर ऐसा करने के बाद गिल्टी फीलिंग (guilt feeling) भी आती है. तनाव और चिंता से निपटने के लिए खाने का सहारा लेने के बजाय और भी बेहतर तरीके हैं. तनाव दूर करने के लिए इन सुझावों पर एक नज़र डालते हैं.
मेडिटेशन
मेडिटेशन स्ट्रेस को दूर करने का बेहद ही पॉपुलर तरीका है. इसे आप अपने डेली रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं. ये तनाव की स्थिति से डील करने में आपकी मदद कर सकता है. मेडिटेशन शारीरिक और मानसिक रूप से रिलैक्स कर शरीर पर तनाव की रिएक्शन को बदल सकता है.
सेल्फ-केयर
तनाव से दूर रहने के लिए जरूरी है कि आप खुद को प्राथमिकता दें. तनाव की स्थिति को जानें और उसे नज़रअंदाज ना करें. अपने मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें. अपने पसंद का काम करने दूसरे सेल्फ केयर तरीकों को आजमा कर खुद को बेहतर फील करा सकते हैं.
एक्सरसाइज
अगर कभी किसी चीज को लेकर स्ट्रेस में हैं, तो घर पर बैठने की बजाय, टहलने जाएं. वर्कआउट और एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में ऊर्जा और फुर्ती रहेगी साथ ही कार्टिसोल भी नियंत्रित रहेगा जिससे आपकी फूड क्रेविंग भी कंट्रोल हो सकेगी.
सोशल सपोर्ट
अपने दोस्तों, परिवार और जानकारों से बात करने से तनाव को कम करने में मदद मिल सकती है. रिसर्च बताती हैं कि स्ट्रेस वाली स्थिति होने पर सोशल सपोर्ट होने से मेंटल और फिजिकल हेल्थ बेहतर रहती है. इसीलिए जितना संभव हो सके, हर चीज के बीच में अपने लिए कुछ समय निकाले और अपनों से बात करें