भारत ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 2 DG दवा लांच कर दी है. कोरोना के खिलाफ जंग में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की नई दवा उम्मीद की किरण लेकर आई है. इस दवा का नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज('2 DG') है.
डीआरडीओ द्वारा बनाई गयी कोरोना की इस दवा को (2-deoxy-D-glucose) देश में 'गेमचेंजर' और 'संजीवनी' भी कहा जा रहा है. 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज नामक ये दवा पाउडर के रूप में है. पानी में घोलकर मरीजों को दिया जाता है.
वैज्ञानिकों ने अप्रैल 2020 में इस दवा पर प्रयोग शुरू किया था. DCGI ने मई 2020 में दवा के फेज 2 ट्रायल को मंजूरी दी थी. फेज-2 के तहत दवा का इस्तेमाल 11 अस्पतालों में भर्ती 110 मरीजों पर किया गया. ये ट्रायल पिछले साल मई से अक्टूबर के बीच किया गया था. नतीजा ये निकला कि बाकी मरीज़ों के मुकाबले दवा लेने वाले मरीज़ जल्दी ठीक हुए.
दिसंबर 2020 से मार्च 2021 के बीच देशभर के 27 अस्पतालों में फेज-3 के ट्रायल्स हुए. इस बार 220 मरीजों को दवा दी गई. नतीजा ये निकला कि 42% मरीजों की ऑक्सीजन डिपेंडेंसी तीसरे दिन ही खत्म हो गई, लेकिन जिन्हें दवा नहीं दी गई, उनमें से 31% मरीजों की ही ऑक्सीजन डिपेंडेंसी खत्म हुई.
इस दवा को डीआरडीओ के INMAS और हैदराबाद के CCMB ने मिलकर तैयार किया है. इस दवा के उत्पादन की जिम्मेदारी हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज को दी गई है.
मौजूदा ट्रायल डेटा के हिसाब से समझें तो कोरोना वायरस लगातार अपनी कॉपी बनाता है. ये ड्रग सभी इन्फेक्टेड सेल्स को इकठ्ठा करता है और उसके मल्टिप्लिकेशन को रोकता है ये वायरस के प्रोडक्शन के लिए लगने वाली एनर्जी को कम करके उसे शरीर में फैलने नहीं देता.
DRDO का Institute of Nuclear Medicine and Allied Sciences इस दवा की तकनीक पर 1980 से काम कर रहा है. ये थ्योरी एंटी कैंसर थेरेपी में इस्तेमाल होती आई थी.
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