इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच शुरु हुआ विवाद अब तेजी से जंग में तब्दील होता जा रहा है. कुल मिलाकर इजराइल और हमास के हमले मे 16 बच्चों समेत करीब 60 लोगों की मौत हो गई है. यहां ये बात ध्यान रखने वाली है कि ये विवाद नया नहीं, बल्कि इजराइल फलस्तीन के बीच विवाद की जड़ 120 साल पुरानी हैं. दोनों के बीच टकराव की शुरुआत यहूदियों और अरब जगत के लोगों के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना के संघर्ष से हुई थी, साल 1947 में यूनाइडेट नेशन्स के इजराइल को मान्यता देने के बाद से इलाके में हिंसा का दौर बदस्तूर जारी है
क्या है विवाद ?
19वीं सदी के आखिर में खाड़ी क्षेत्र में कई आंदोलन
यहूदियों और अरब जगत के लिए स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना लक्ष्य
1920 के दशक में फिलिस्तीनी राष्ट्रवाद की भावना में उफान
यरुशलम में अरब नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन किए
1947 में यूनाइडेट नेशन्स ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांटा
यहूदियों के लिए इजराइल और अरब जगत के लिए फिलिस्तीन
इस पर अरब समुदाय ने ऐतराज जताया
जो फिलिस्तीन में गृहयुद्ध की वजह बना
घटना के 1 साल बाद इजराइल ने खुद को अलग राष्ट्र घोषित किया
अमेरिका से इज़राइल को मान्यता मिली
लेकिन अरब राज्यों से मुखालफत जारी
1967 में अरब देशों ने मिलकर इजराइल पर हमला किया
इजराइल ने छह दिन में ही उन्हें हरा दिया
विवाद की जड़ कहां है (हेडर)
दरअसल विवाद गाजा पट्टी को लेकर है
जो इजराइल और मिस्र के बीच है
ये फिलहाल हमास के कब्जे में है
सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजापट्टी से अपनी सेना बुलाई
2007 में इज़राइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए
विवाद का एक सिरा गोलन हाइट्स से भी गुजरता है
रणनीतिक रूप से अहम है ये इलाका
1967 के बाद से ही इस पर इजराइल का कब्जा
कई बारशांति वार्ता की नाकाम कोशिशें
नागरिकता पर दोहरी नीति भी विवाद की एक बड़ी वजह
पूर्वी यरूसलम मे नागरिकता को लेकर दोहरी नीति भी विवाद की एक बड़ी वजह रही है, 1967 में पूर्वी येरुशलम पर कब्जे के बाद से ही इजराइल यहां पैदा होने वाले यहूदियों को तो नागरिक मानता है लेकिन फिलिस्तीनी लोगों को कई शर्तों के साथ रहने की इजाजत दी जाती है. वही विवाद यरुशलम को लेकर भी है, जिसे इजराइल अपनी अविभाजित राजधानी मानता है। जबकि, फलस्तीन इसके पूर्वी हिस्से को अपने भावी राष्ट्र की राजधानी के तौर पर स्थापित करना चाहता है. बहरहाल, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने फिलहाल पूर्वी यरुशलम पर इजरायल के कब्जे को मान्यता नहीं दी है।