सीडीएस बिपिन रावत (Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर क्रैश हादसा (Helicopter Crash) या साजिश. ये वो सवाल है जो बहुत से लोगों के दिमाग में कौंध रहा है. सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर इतना सुरक्षित हेलिकॉप्टर और इतने वीवीआईपी शख्सियत के साथ उड़ान फेल कैसे हो सकती है ? वैसे जांच में जुटी टीम को हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है साथ ही टीम के सदस्यों ने घटनास्थल पर भी बारीकी से जांच की है.
आपको बताते हैं कि जांच टीम को कौन से सवाल सुलझाने हैं?
हादसे से पहले सामने आए आखिरी वीडियो में देखा जा सकता है कि हेलिकॉप्टर बेहद नीचे उड़ रहा था. और अचानक वो बादलों में खो कर क्रैश हो जाता है. चश्मदीद ने बताया कि हेलिकॉप्टर इतना नीचे आ गया था कि वो सीधे पेड़ से जा टकराया और फिर उसमें आग लगी और धमाके होने लगे.
हादसे से ठीक पहले के वीडियो में हेलिकॉप्टर बेहद नीचे उड़ान भरता है और फिर धुंध में गायब हो जाता है. जबकि रूस में बना ये हाईटेक हेलिकॉप्टर ऊंची उड़ान में बेहद कारगर माना जाता है. सवाल ये भी है कि क्या पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल या आर्मी कंट्रोल से मौसम को लेकर कोई अलर्ट नहीं मिला था? वैसे भी Mi-17V बहुत ही विश्वसनीय चॉपर है.
उत्तराखंड जैसे राज्यों में ऊंचाई पर राहत बचाव कार्य के लिए इसका इस्तेमाल अक्सर होता है. हादसे के ठीक बाद मीडिया में जो बात सामने आई वो ये थी कि खराब मौसम की वजह से ये हादसा हुआ. अगर ऐसा है भी तो कई सवाल उठते हैं?
इस हादसे को बहुत हद तक मानवीय चूक भी माना जा रहा है. हालांकि ऐसे VVIP उड़ान के प्रोटोकॉल को देखें तो इसकी संभावना भी बेहद कम दिखती है.
क्रैश हुए Mi-17V चॉपर का ब्लैक बॉक्स मिल चुका है. ये वो डिवाइस है जिसमें एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ पायलट की बात रिकार्ड होती है. उसके खुलने से ही ये साफ हो जाएगा कि क्या पायलट ने कोई डिसट्रेस सिग्नल दिए थे. कहीं चापर में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं आ गयी थी.
CDS Bipin Rawat Death: कुन्नूर में हुआ हेलिकॉप्टर क्रैश हादसा या साजिश?