Delhi MCD Elections 2022: दिल्ली में क्यों मुरझाया BJP का कमल? केजरीवाल ने सपनों पर ऐसे फेरा झाड़ू

Updated : Jul 21, 2023 21:32
|
Prashant Sharma

Delhi MCD Elections 2022 : दिल्ली MCD चुनाव में बीजेपी का 'कमल' मुरझा गया है और आम आदमी पार्टी की 'झाड़ू' हर तरफ लहराती दिख रही है. वो भी तब जब बीजेपी ने नगर निगम के चुनाव में अपने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और कई बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए उतारा था, लेकिन केजरीवाल के 'दिल्ली मॉडल' के आगे कुछ भी काम नहीं आया और नगर निगम से बीजेपी साफ हो गई.  

चलिए आपको बीजेपी की हार और आम आदमी पार्टी की जीत के 5 बड़े कारण बताते हैं. 

1- MCD में करप्शन 

आम आदमी पार्टी अपने चुनावी कैंपेन में लगातार नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी पर आरोप लगाती रही. AAP अपने पूरे चुनावी कैंपेन में बीजेपी पार्षदों पर 35000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाती रही. केजरीवाल ने जो 10 गारंटी दी थीं, उनमें निगम को भ्रष्टाचार मुक्त करने का दावा भी था. 

2-  सब्सिडी वाला दांव 

MCD चुनाव में केजरीवाल का सब्सिडी वाला दांव भी चल गया है. केजरीवाल सरकार पहले से ही दिल्ली वालों को बिजली, पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं पर छूट दे रही है. नगर निगम की सरकार का काम भी यही होता है कि शहर को साफ रखे, लोगों को पीने के लिए साफ पानी दे. शहर की सड़कों को स्वस्छ रखे. केजरीवाल ने इन्हीं मुद्दों को अपने चुनावी कैंपेन में मुद्दा बनाया. केजरीवाल सरकार गरीबों को तय सीमा तक मुफ्त बिजली और उसके बाद सब्सिडी देती है. 

3- कूड़े का ढेर 

दिल्ली में तीन बड़े कूड़े के पहाड़ जैसे ढेर हैं. जिन्हें समाप्त करने की लंबे वक्त से मांग उठ रही है. केजरीवाल ने दावा किया कि सत्ता में आने पर वो एक साल के अंदर इसे समाप्त कर देंगे. दिल्ली में तीन बड़े कूड़े के पहाड़ जैसे ढेर हैं. गाजीपुर, भलस्वा और ओखला. आम आदमी पार्टी पूरे चुनावी कैंपेन में इन्हीं कूड़े के पहाड़ों को मुद्दा बनाकर जनता से कहती रही, कि बीजेपी 15 सालों से सत्ता में है और उसने 'कूड़े' के निस्तारण के लिए कुछ नहीं किया.

4-  'दिल्ली सरकार' मॉडल 

केजरीवाल लोगों को ये विश्वास दिलाने में कामयाब हो गए, कि दिल्ली शहर की तरक्की तभी हो सकती है, जब दिल्ली की सत्ता के साथ-साथ उनके हाथ में नगर निगम की चाबी भी हो. दिल्ली की 'आप' सरकार का मॉडल 'नगर निगम चुनाव' में चला है. खास तौर पर स्लम और झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाकों में आम आदमी पार्टी का दिल्ली सरकार वाला मुफ्त 'स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली और पानी' वाला मॉडल चलता दिखा है. 

5-  एंटी-इनकंबेंसी

बीजेपी पिछले 15 सालों से MCD की सत्ता पर काबिज थी और इस बार उसके खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर दिख रहा था, जिसका फायदा केजरीवाल ने उठाया. बीजेपी के खिलाफ जो एंटी-इनकंबेंसी थी, उसका पूरा फायदा AAP ने उठाया. केजरीवाल लोगों को ये विश्वास दिलाने में कामयाब हो गए, कि दिल्ली शहर की तरक्की तभी हो सकती है, जब दिल्ली की सत्ता के साथ-साथ उनके हाथ में नगर निगम की चाबी भी हो. 

 

ModiKejriwalelection resultDelhi MCD Election

Recommended For You

editorji | चुनाव 2024

PM Modi की समर्थकों से अपील 'अपने सोशल मीडिया हैंडल से 'मोदी का परिवार' हटा सकते हैं'

editorji | चुनाव 2024

JDU vs Congress: 'नीतीश का मन बन रहा होगा फिर वापस आने का', कांग्रेस ने दिया जेडीयू को जवाब

editorji | चुनाव 2024

Lok Sabha Elections: तीसरी पार्टी ने बिगाड़ा खेल, नहीं तो INDIA गठबंधन को मिल सकती थीं 9 और सीटें

editorji | चुनाव 2024

NEET Result 2024: NEET UG में ग्रेस मार्क्स देकर बनाए गए 6 टॉपर, NTA ने दी सफाई  

editorji | चुनाव 2024

General Election: मंत्री पद की मांग को लेकर चिराग ने दिया अहम बयान, अपने लक्ष्य का भी किया खुलासा