NEET UG के रिजल्ट को लेकर देशभर के 24 लाख से ज्यादा बच्चों के जेहन में कई सवाल उठ रहे हैं बच्चे न सिर्फ 718 और 719 मार्क्स मिलने पर सवाल कर रहे हैं बल्कि 67 बच्चों को फुल मार्क्स आने पर भी सवाल पूछा जा रहा है. आखिर हर साल 2 से 4 बच्चों को फुल मार्क्स आते थे वो अचानक 67 कैसे पहुंच गये और सरकारी मेडिकल कॉलेजों के कटऑफ में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है ऐसे में दिन रात मेहनत करने वाले बच्चे और उनके परिजन खासे हतोत्साहित हुए हैं और एनटीए के ग्रेस मार्क्स दिये जाने पर सवाल उठा रहे हैं. इनका मानना है कि जानबूझकर चुनाव के नतीजों के दिन नीट का रिजल्ट आउट किया गया ताकि इसे मीडिया में सुर्खियां न मिल पाए. इस पूरे मामले पर एनटीए ने सफाई दी है.
एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि , "हमारी समिति की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अध्ययन किया... उन्हें पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय बर्बाद हुआ और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए।" .. समिति ने सोचा कि वे शिकायतों का समाधान कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं, इसलिए कुछ छात्रों की चिंताएं सामने आईं क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 6 उम्मीदवार टॉपर बन गए। हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और परिणाम जारी किए, 4750 केंद्रों में से यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित थी और पूरे देश में 24 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा .
उन्होने राजस्थान के सवाई माधोपुर के एक सेंटर पर हिन्दी के बदले अंग्रेजी पेपर दिये जाने के मुद्दे पर कहा कि इसे सुलझाया गया. सुबोध कुमार के मुताबिक करीब 2.30 घंटे के बाद सोशल मीडिया पर पेपर देखा गया लेकिन उस वक्त तक परीक्षा हो चुकी थी इसलिए कोई पेपर लीक नहीं हुआ...पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही...''