दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ये फ्राइडे 'गुड फ्राइडे' साबित हुआ. सुप्रीम कोर्ट का फैसला 51 दिनों बाद केजरीवाल के लिए राहत लेकर आया क्योंकि उन्हें अंतरिम जमानत जो मिली.
पहले संजय सिंह फिर अमानत और अब केजरीवाल को जमानत
अरविंद केजरीवाल की जमानत आम आदमी पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है, लेकिन क्यों?...ये तो हम आपको आगे बताएंगे ही लेकिन उससे पहले हताश और निराश हुए AAP कार्यकर्ताओं के जश्न का ये वीडियो बहुत कुछ बयां कर रहा है---
वापस आते हैं कि आखिर सीएम केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत आम आदमी पार्टी के सपनों में जान फूंकने वाला फैसला क्यों साबित होगा?
AAP के लिए क्यों जरूरी है फैसला?
- चुनाव में कर सकेंगे प्रचार
- BJP के गढ़ में करेंगे सेंधमारी
- वोटर से सीधा होंगे कनेक्ट
- SympathyVote के ले सकते हैं लाभ?
AAP नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को 'लोकतंत्र की जीत' बताया. इस फैसले पर AAP ही नहीं, अन्य राजनीतिक दलों ने भी खुशी जताई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी खुशी जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया-
श्री अरविन्द केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत से काफी खुशी हुई, मौजूदा चुनाव के लिहाज से यह काफी मददगार होगा.
तो वहीं अखिलेश यादव ने लिखा-
दिल्ली के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी की जमानत सत्य की एक और जीत है. ‘इंडिया गठबंधन’ की शक्ति और एकजुटता भाजपा के दुख-दर्द देनेवाले राज से भारत की जनता को मुक्ति दिलवाने जा रही है. एकजुट होकर मतदान का संकल्प लें.
भला इस मुद्दे पर बीजेपी भी कहां शांत रहने वाली थी तो निशाना साधते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा- "यह क्या जमानत है?... कोई इज़्ज़तदार व्यक्ति यह जमानत लेगा ही नहीं, वह विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करेगा... यह कोई जमानत है कि आप जाओ फिर 1 तारीख को वापस आ जाओ..."
51 दिन बाद CM केजरीवाल को राहत तो मिली लेकिन करीब 22 दिनों के लिए ही. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक उन्हें दो जून को सरेंडर करना होगा. इसके साथ ही टॉप कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें भी लगाई हैं-
क्या हैं सुप्रीम कोर्ट की शर्तें?
- CM ऑफिस और दिल्ली सचिवालय नही जाएंगे
- सरकारी फाइल पर साइन के लिए LG की परमिशन जरूरी
- केस से जुड़े मुद्दे पर अपनी भूमिका को लेकर नहीं देंगे बयान
जो भी हो केजरीवाल का बाहर आना न सिर्फ उनके लिए बल्कि INDIA गठबंधन के लिए भी राहत का सबब है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि वो जेल से बाहर आने और सरेंडर करने तक की अवधि में AAP के लिए वोटों की फसल काटने का काम कर पाते हैं या नहीं?
बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय, महिला पहलवानों के यौन शोषण का है मामला