18 अप्रैल को ईवीएम-VVPAT( मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ के पोलिंग एजेंटों ने एक चौकाने वाला दावा किया है. दावे में कहा गया है कि केरल के कासरगोड में मॉक पोल के दौरान, कम से कम चार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) ने भाजपा (BJP के पक्ष में अतिरिक्त वोट दर्ज किए गए हैं.
इसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एक मौखिक आदेश पारित किया, जिसमें चुनाव आयोग को इन आरोपों की जांच करने का निर्देश दिए है.
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