Govinda: अभिनेता और शिवसेना शिंदे गुट में हाल ही में शामिल हुए 'हीरो नंबर वन' गोविंदा अब चुनाव प्रचार में बिजी हो गये हैं. उनका कहना है कि देश में हो रहा विकास दुनिया देख रही है.
पीएम के 10 सालों के कार्यकाल और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के 2 साल के कार्यकाल की तारीफ करते हुए उन्होने कहा कि ऐसा विकास पहले कभी नहीं दिखा. शिवसेना शिंदे गुट ज्वाइंन करते वक्त सीएम शिंदे ने गोविंदा की जमकर तारीफ की थी
गोविंदा की ये दूसरी सियासी पारी है. इससे पहले उन्होने 2004 में कांग्रेस ज्वाइन किया था और कांग्रेस की टिकट पर उत्तरी मुंबई सीट से सांसद भी बने थे. उन्होने बीजेपी के कई बार के सांसद और वरिष्ठ नेता राम नाईक को चुनाव में पटखनी दी थी. उस वक्त ये काफी बड़ा फेरबदल माना गया. हालांकि 2009 में उन्होने राजनीति से दूरी बना ली और राजनीति में दोबारा वापस नहीं आने की बात कही.
चुनाव में हार के बाद राम नाईक ने गोविंदा पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के आरोप लगाए. राम नाईक ने अपनी किताब चरैवति चरैवति में इसका जिक्र किया है और कहा है कि गोविंदा ने चुनाव में दाऊद इब्राहिम और बिल्डर हितेन ठाकुर से मदद ली.
राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करते हुए गोविंदा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा था कि राजनीति हम एक्टर्स के लिए नहीं है हम राजनीति में रह ही नहीं सकते क्योंकि राजनीति पर फोकस करने पर आपका करियर चौपट हो जाता है. मैं तब 43 साल का था जब चुनाव लड़ा था लेकिन अब मेरे बस की बात नहीं है हालांकि राजनीति से हमने काफी कुछ सीखा है. राजनीति आपको सिखा देती है कि हर बार पर आपको रिएक्ट नहीं करना है. गोविंदा के मुताबिक राजनीति उनके परिवार में और खून में नहीं..वो इसमें कभी नहीं लौटेंगे
फिल्मी सफर की बात की जाए तो गोविंदा ने 90 के दशक में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था गोविंदा के दमदार किरदार और डांस का हर कोई दीवाना था.
गोविंदा ने 1986 में फिल्म ‘इल्जाम’ के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। यह फिल्म जबरदस्त हिट रही थी। इसके बाद गोविंदा 'कुली नंबर वन', 'राजा बाबू', 'नसीब', 'हीरो नंबर वन', 'दूल्हे राजा', 'आंटी नंबर वन' जैसी एक से बढ़कर एक हिट फिल्मों में नजर आएं। वैसे तो गोविंदा ने कई एक्ट्रेस के साथ काम किया। लेकिन पर्दे पर करिश्मा कपूर और रवीना टंडन के साथ उनकी जोड़ी खूब पसंद की जाती थी
जेंटलमैन (1989), जान से प्यारा (1992), आंखें (1993), हथकड़ी (1995), छोटे सरकार (1996), बड़े मियां छोटे मियां (1998), अनाड़ी नंबर 1 जैसी कई फिल्मों में वो डबल रोल में नजर आए. वहीं वाह! तेरा क्या कहना (2002) और सैंडविच (2006)। हद कर दी आपने (2000) में उन्होंने छह भूमिकाएँ निभाईं थी