लोकसभा चुनाव 2024 के चुनावी नतीजों में बिहार में JDU बड़ी पार्टी बन कर उभरी है.वहीं समस्तीपुर से बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी चुनावी मैदान में हैं.वहीं RJD सुप्रीमो लालू की बेटी रोहिणी, मीरा कुमार के बेटे अंशुल अभिजीत, अखिलेश के बेटे आकाश, महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी भी चुनावी मैदान में हैं.
बिहार के सियासी जानकार मानते हैं कि ये बिहार में जनता का JDU पर विश्वास नीतीश के कारण ही है. वहीं, दूसरी ओर इस लोकसभा चुनाव में खासी उम्मीदें लगाए बैठी राजद (RJD) को आशा के अनुरूप फल मिलता नहीं दिख रहा है.
बिहार में नीतीश कुमार की JDU के पास ओबीसी मतों का एक बड़ा हिस्सा है जिसका फायदा JDU को इन लोकसभा चुनावों में मिला है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो एनडीए को कुल ओबीसी वोटों का 58% मिला है. वहीं नीतीश को पीएम मोदी के नाम और काम फायदा भी मिलता नज़र आ रहा है.
बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी को बीजेपी के साथ गठबंधन होने के कारण बीजेपी की संगठनात्मक इकाई के काम का लाभ भी मिला है.विधानसभा में BJP-JDU की सरकार बनने के बाद बीजेपी की बिहार इकाई ने JDU
के पक्ष में ग्राउंड जीरो पर काम किया है, जिसका सीधा फायदा नीतीश कुमार की पार्टी को हुआ है.
RJD के यादव वोट बैंक में बिखराव का फायदा भी सीधे तौर पर नीतीश कुमार की पार्टी को मिला है. हालांकि RJD ने लालू यादव की दोनों बेटियों को मैदान में उतारकर यादव वोटों को साधने की कोशिश की है.लालू यादव की बेटी मीसा भारती अपनी पिछले हार को भूल पाटलिपुत्र सीट पर कब्जा जमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. पाटलिपुत्र सीट पर दोनों उम्मीदवार यादव जाति से आते हैं, वहीं इस सीट पर भूमिहार वोटरों के साथ-साथ लव कुश यानी कुर्मी-कोयरी समीकरण और अति पिछड़े मतदाताओं के साथ दलित वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.