Kanhaiya Kumar Vs Manoj Tiwari: दिल्ली की नॉर्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कन्हैया कुमार ने बीजेपी कैंडिडेट और सांसद मनोज तिवारी को ओपन चैलेंज दिया है. अपने एक्स हैंडल पर की गई पोस्ट में कन्हैया कुमार ने लिखा, 'मनोज भैया, आधिकारिक प्रचार के लगभग केवल 24 घंटे बचे हैं, कब तक लोगों को इधर-उधर भटकाइयेगा? आइये एक बार तो उत्तर पूर्वी दिल्ली की जनता के असली मुद्दों पर चर्चा उन्हीं के सामने कर ली जाए? कल आ जाइए गोकलपुरी वार्ड, 3 बजे, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के पास, मंगल बाज़ार रोड पर. और हाँ, थोड़ा समय से निकलिएगा, traffic बहुत ज़्यादा रहता है क्षेत्र में.'
वैसे तो सभी सातों सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प है, लेकिन उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. क्योंकि इस सीट पर पूर्वांचल के दो दिग्गजों में महा दंगल हो रहा है. एक तरफ बीजेपी के मौजूदा सांसद मनोज तिवारी जीत की हैट्रिक लगाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार किसी बड़े उलट-फेर की कवायद में जुटे हैं. इस सीट पर दिल्ली में सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.
भोजपुरी गायक-अभिनेता से नेता बने मनोज तिवारी जहां हजारों-करोड़ों रुपये के विकास कार्यों को लेकर जनता से वोट मांग रहे हैं, वहीं कांग्रेस के कन्हैया कुमार इलाके की बदहाल स्थिति को लेकर मौजूदा सांसद को कठघरे में खड़ा करते हुए जनता के बीच जा रहे हैं.
मनोज तिवारी के सामने जीत को बरकरार रखने का भी दबाव है. क्योंकि, दिल्ली की 7 सीटों में से बीजेपी इस बार 6 पर नए उम्मीदवार उतारे हैं. केवल मनोज तिवारी को फिर से टिकट दिया गया है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट
उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र दिल्ली का सबसे घनी आबादी वाला इलाका है. यहां 24 लाख से अधिक मतदाता हैं और इनमें सबसे अधिक तादाद पूर्वांचल और उत्तराखंड के लोगों की है. इस लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 10 सीट बुराड़ी, तिमारपुर, सीमापुरी, रोहतास नगर, सीलमपुर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर, मुस्तफाबाद और करावल नगर आती हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मनोज तिवारी ने कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. मनोज तिवारी को कुल 7,87,799 वोट मिले थे. उस समय आम आदमी पार्टी से दिलीप पांडे चुनाव लड़े थे. इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन है.
2014 के चुनाव में बीजेपी के मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी के प्रोफेसर अनंत कुमार को 1.44 लाख वोटों से हराया था. इस चुनाव में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल 2.14 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे.
इस बार कांग्रेस और आप में गठजोड़ होने से मनोज तिवारी के सामने जीत की राह थोड़ी मुश्किल जरूर हो गई है. लेकिन फिर भी वे अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. जानकारों का कहना है कि 2019 में कांग्रेस की शीला दीक्षित को 4.21 लाख वोट मिले थे और आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडेय को 1.90 लाख. अगर दोनों के वोटों को मिला दिया जाए तो 6.11 लाख वोट बैठते हैं. और अकेले मनोज तिवारी को 7.87 लाख वोट मिले थे. इसके अलावा मनोज तिवारी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने इतने काम किए हैं कि अब देश की जनता पूरी तरह से बीजेपी का समर्थन कर रही है.
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