Lok Sabha Elections 2024: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. अमृतपाल सिंह के कानूनी सलाहकार राजदेव सिंह खालसा ने दावा किया है कि पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से अमृतपाल एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेगा. अमृतपाल सिंह फिलहाल एनएसए एक्ट के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है.
अमृतसर में थाने पर किया था हमला
'वारिस पंजाब दे' संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह उस वक्त सुर्खियों में आया था जब फरवरी 2023 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था. अमृतपाल के समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर ये धावा बोला था. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. अमृतपाल के खिलाफ उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की.
अमृतपाल की भिंडरावाले से क्यों होती है तुलना?
अमृतपाल भी सिखों के लिए जरनैल सिंह भिंडरावाले की तरह ही एक अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है. जरनैल सिंह भिंडरावाले के रूप में पंजाब में अमृतपाल को उसके समर्थकों द्वारा 2.0 की उपाधि दी गयी है. दरअसल, वर्ष 1980 के दशक में भिंडरावाले ने सिखों के लिए खालिस्तान देश की एक मांग की थी. उस वक्त पंजाब में इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ था.
भिंडरावाले के जैसे ही अमृतपाल सिंह अपने सिर पर एक भारी पगड़ी बांधता है, जबकि दुबई से भारत लौटते समय उसके सिर पर पगड़ी और चेहरे पर दाढ़ी नहीं थी. ये सिख युवाओं में जोश भरने के लिए हमेशा एक भड़काऊ भाषण देता है. वो खुद को आध्यात्मिक नेता बताता है. अमृतपाल सिंह खालिस्तानी समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना आदर्श बताता है. बता दें कि जरनैल सिंह भिंडरावाले को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान ऑपरेशन ब्लू स्टार में मार गिराया गया था.
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