Lok Sabha Election 2024: दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक अभ्यास, Lok Sabha elections 2024, 4 जून को खत्म होगा. पूरा देश उत्सुकता से चुनाव परिणामों का इंतजार कर रहा है, और हम में से कई लोग ये कयास लगा रहे हैं कि संख्याएं क्या हो सकती हैं? क्या BJP के नेतृत्व में NDA हैट्रिक बनाएगी और एक बार फिर सत्ता में आएगी? या फिर विपक्ष लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के PM Modi के प्रयासों को कड़ी चुनौती देने में कामयाब होगा? The India Story: Road To 2024 में विक्रम चंद्रा ने इन चुनावों के ग्राउंड जीरो, वाराणसी (PM के निर्वाचन क्षेत्र) की यात्रा की. उन्होंने चुनावों में देश के मूड पर अपनी राय साझा की.
आइये जानते हैं कि 2019 में सबसे कम अंतर वाली सीटें कौन सी थीं? 1000 से 2000 के अंतर वाली सीटें कितनी थीं? कितनी सीटों पर उम्मीदवारों के जीत का अंतर 2000 से 5000 की बीच था? 5000 से 10,000 के बीच के अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?
2019 में सबसे कम अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?
बीते लोकसभा चुनाव में 1000 से कम अंतर वाली दो सीटें थीं. सबसे कम अंतर वाली जीत उत्तर प्रदेश की मछलीशहर लोकसभा सीट पर हुई थी. यहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भोलानाथ (बी.पी. सरोज) केवल 181 वोटों से चुनाव जीते थे. दूसरी सबसे कम अंतर वाली जीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के खाते में गई थी. लक्षद्वीप सीट पर पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद फैजल महज 823 वोटों से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.
1000 से 2000 के अंतर वाली सीट कितनी थी?
2019 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 1000 से 2000 वोटों के बीच था. इनमें से दो सीटों पर भाजपा जबकि एक-एक सीट पर टीएमसी, कांग्रेस और जदयू के उम्मीदवार जीते थे. आरामबाग सीट (पश्चिम बंगाल) से टीएमसी की अपरूपा पोद्दार 1,142, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह से कांग्रेस से कुलदीप राय शर्मा 1,407, खूंटी (झारखंड) से भाजपा के अर्जुन मुंडा 1,445, जहानाबाद (बिहार) से जदयू के चंदेश्वर प्रसाद 1,751 और चामराजनगर (कर्नाटक) से भाजपा के वी. श्रीनिवास प्रसाद 1,817 वोटों से चुनाव जीते थे.
कितनी सीटों पर जीत का अंतर 2000 से 5000 वोटों के बीच था?
पिछले लोकसभा चुनाव में सात सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 2000 से 5000 वोटों के बीच था. इनमें से दो सीटों पर भाजपा जबकि एक-एक सीट पर कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर कांग्रेस, एआईएमआईएम और विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) के उम्मीदवार जीते थे.
बर्धवान-दुर्ग (पश्चिम बंगाल) लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार एसएस अहलूवालिया 2,439, चिदंबरम (तमिलनाडु) से वीसीके पार्टी के थिरुमावलवन थोल 3,219, कोरापुट (ओडिशा) से कांग्रेस के सप्तगिरि शंकर उलाका 3,613, गुंटूर (आंध्र प्रदेश) से टीडीपी के जयदेव गल्ला 4,205, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से वाईएसआर कांग्रेस के एमवीवी सत्यनारायण 4,414, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील 4,492 और मेरठ (उत्तर प्रदेश) से भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल 4,729 वोटों से चुनाव जीतने में सफल हुए थे.
5,000 से 10,000 की बीच अंतर वाली सीटें कौन सी थीं?
2019 में हुए लोकसभा चुनाव की 15 सीटें ऐसी रहीं जहां जीत का अंतर 5,000 से 10,000 वोटों के बीच था. इनमें से पांच सीटों पर भाजपा, तीन सीटों पर कांग्रेस और दो सीटों पर टीडीपी के प्रत्याशियों को सफलता मिली थी. वहीं एक-एक-एक सीट पर बसपा, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस और मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे.
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