Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार के लिए काफी अहम है. इस चुनाव में परिवार के 5 सदस्य चुनाव मैदान में उतरे हैं. मुलायम सिंह यादव के बेटे और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं उनकी पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव मैदान में हैं.
अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव में ताल ठोक रहे हैं वहीं बदायूं से अखिलेश यादव के चचेरे भाई और शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं अखिलेश यादव के एक और चचेरे भाई और रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनाव मैदान में हैं
पहले बात करते हैं कन्नौज की जहां से अखिलेश यादव ने खुद चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. दरअसल गंगा किनारे बसा इत्र की नगरी के नाम से मशहूर कन्नौज पर 1998 से मुलायम सिंह यादव की करिश्माई रणनीति के चलते परंपरागत सीट रही है. करीब 21 साल के बाद 2019 में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने यहां डिंपल यादव को करीब 1 फीसदी से भी कम वोट से हराया था. अब अखिलेश उस हार का बदला ले पाएंगे ये नहीं ये 4 जून को पता चलेगा
समाजवादी पार्टी की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से चुनाव मैदान में हैं. ये भी यादव परिवार की परंपरागत सीट रही है. 1996, 2009, 2014 और 2019 में यहां मुलायम सिंह यादव के साथ साथ धर्मेन्द्र यादव और तेज प्रताप यादव से जीत दर्ज की थी. 2019 में मुलायम सिंह यादव यहां से सांसद चुने गए लेकिन 2022 में उनके निधन के बाद उनकी बहू डिंपल यादव ने उपचुनाव जीता और एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं
समाजवादी पार्टी का एक और गढ़ रहा है आजमगढ़ जहां से धर्मेन्द्र यादव चुनाव लड़ रहे हैं. 2019 में अखिलेश यादव ने यहां से जीत दर्ज की थी लेकिन विधायक बनने के बाद उन्होने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. इस दौरान 2022 के उपचुनाव में आजमगढ़ से बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने जीत दर्ज की और इस बार भी धर्मेन्द्र यादव का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार निरहुआ से ही हो रहा है.मुस्लिम यादव बहुल इस क्षेत्र में समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है.
बदायूं से अखिलेश यादव के चचेरे भाई आदित्य यादव चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ये निर्वाचन क्षेत्र भी यादव और मुस्लिम बहुल है इस सीट से 2019 में धर्मेन्द्र यादव एसपी उम्मीदवार थे जिन्हें बीजेपी की संघमित्रा मौर्या ने 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था उस वक्त कांग्रेस तीसरे स्थान पर थी. लेकिन इस बार बीजेपी ने संघमित्रा मौर्या का टिकट काट दिया है और दुर्विजय सिंह शाक्य को चुनाव मैदान में उतारा है.
फिरोजाबाद से अक्षय यादव लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 और 2019 में उन्होने इस सीट से जीत दर्ज की थी. इस सीट पर यादव और राजपूतों की अच्छी खासी संख्या है