देश में लोकसभा चुनाव अपने चरम पर हैं. सात चरणों में से दो चरणों के लिए मतदान हो चुका है. लेकिन चुनाव का पहला दौर जब तक पूरा हुआ तब तक कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर एक जंग छिड़ गई, आइए आज पोल रिपोर्ट में बात करते हैं कांग्रेस के घोषणा पत्र की जिसे लेकर उन पर सांप्रदायिकता के आरोप लग रहे हैं.
कांग्रेस के घोषणा पत्र के एलान के बाद से ही बीजेपी उनपर हमलावर है, ये हमला पार्टी अध्यक्ष से लेकर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और UP के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार कर रहे हैं, बीजेपी का जो चुनाव प्रचार पहले राम मंदिर, विकास और नए भारत के नाम पर हो रहा था, वो कांग्रेस का मेनिफेस्टो आने के बाद से ही बदल गया.
आइए समझते हैं क्या है पूरा विवाद?
- पेज नंबर 28 के प्वाइंट 21 में कहा गया कि कांग्रेस नीतियों में उपयुक्त बदलाव करके धन और आय के मामले में बढ़ती असमानता का समाधान करेगी.
- पेज नंबर 8 के प्वाइंट 8 में लिखा है कांग्रेस व्यक्तिगत कानूनों में सुधार को बढ़ावा देगी ये सुधार संबंधित समुदायों की भागीदारी और सहमति से किए जाएंगे.
- पेज नंबर 8 के प्वाइंट 7 में लिखा है कांग्रेस ये सुनिश्चित करेगी की प्रत्येक नागरिक की तरह अल्पसंख्यकों को भी पोशाक, खानपान, भाषा और व्यक्तिगत कानूनों की स्वतंत्रता हो.
- पेज नंबर 8 के प्वाइंट 6 में लिखा है, कांग्रेस ये सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सरकारी नौकरी,लोक निर्माण अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के उचित अवसर मिले.
- पेज नंबर 8 के प्वाइंट 3 में लिखा है कांग्रेस अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोज़गार, व्यवसाय,सेवाओं, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों में बढ़ते अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी और सहायता देगी.
- पेज नंबर 24 के प्वाइंट 5 में लिखा है अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, OBC वर्ग और अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्तियों और महिलाओं को अधिक संख्या में उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय के न्यायधीशों के रूप में नियुक्त किया जाएगा.
- पेज नंबर 7 के प्वाइंट 23 में लिखा है कांग्रेस एक विविधता आयोग की स्थापना करेगी जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में रोज़गार और शिक्षा के संबंध में विविधता की स्थिति का आंकलन करेगी और बढ़ावा देगी.
5 चरणों का चुनाव बाकी है, महीने भर का चुनाव प्रचार भी बाकी है, ऐसे में सभी राजनीतिक दल एक दूसरे को घेरने का पूरा प्रयास कर रहे हैं, देखने वाली बात ये होगी की घोषणा पत्र से उपजा विवाद क्या कांग्रेस की वोट बैंक की ज़मीन को कमज़ोर करेगा या यहां से बीजेपी बहुमत की फसल काटने में कामयाब होगी.
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