पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर चुनाव प्रचार के दौरान ‘द्वेषपूर्ण भाषण’ देकर सार्वजनिक संवाद के साथ ही प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी कम करने का आरोप लगाया.
सिंह ने लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत एक जून को होने वाले मतदान से पहले पंजाब के मतदाताओं से अपील करते हुए दावा किया कि केवल कांग्रेस ही है जो ऐसा विकासोन्मुख प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा होगी.
पंजाब के मतदाताओं को लिखे एक पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना थोपने का भी आरोप लगाया और कहा, ‘‘भाजपा सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य केवल चार साल है.यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है.’’
मोदी पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा, ‘‘मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक संवाद पर करीबी नजर रख रहा हूं। मोदी जी नफरत फैलाने वाले भाषणों में लिप्त हैं, जो प्रकृति में विशुद्ध रूप से विभाजनकारी हैं.मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक संवाद की गरिमा को कम किया है और इस तरह प्रधानमंत्री के पद की गंभीरता को कम किया है.’’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अतीत में किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के मकसद से इस तरह के द्वेषपूर्ण, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.उन्होंने मेरे लिए कुछ गलत बयान भी दिए हैं.मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। इस पर भाजपा का एकमात्र कॉपीराइट है.’’
मोदी ने सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.
सिंह ने कहा कि भारत के लोग यह सब देख रहे हैं.उन्होंने कहा, ‘‘अमानवीकरण की यह कथा अब अपने चरम पर पहुंच गई है। अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने प्यारे राष्ट्र को इन विभाजनकारी ताकतों से बचाएं.’’
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