Lok sabha election: पांचवें चरण में 49 सीटों पर मतदान समाप्त होने के साथ ही 543 निर्वाचन क्षेत्रों में से 369 पर मतदान 20 मई तक पूरा हो चुका है. 4 जून को लोकसभा चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले अब बाकी बचे दो चरणों में 115 सीटों पर मतदान बाकी है जो 25 मई और 1 जून को होगा.
ये चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जनमत संग्रह की तरह शुरू हुआ, जिसमें भाजपा को 400 सीटों के लक्ष्य के साथ भारी बहुमत हासिल करने का भरोसा था. हालांकि, अब 5 चरणों का मतदान होने के बाद अब ज़मीनी हकीकत बदली हुई नजर आ रही है.
ज़मीनी स्तर पर निर्णायक कारक क्या हैं? कैसा रहा विपक्ष का प्रदर्शन? क्या नरेंद्र मोदी से जनादेश फिसल रहा है?
इस मुद्दे पर द इंडिया स्टोरी: रोड टू 2024 शो में चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने एडिटरजी के विक्रम चंद्रा को बताया कि बीजेपी की '400 पार' की राह तेजी से चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. बीजेपी की फिलहाल लड़ाई अब 272 सीटों के बहुमत के आंकड़े को हासिल करने की ओर मुड़ गई है.
इसकी वजह बताते हुए संजय कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों ने बीजेपी का विरोध किया और ये पार्टियां मजबूती से लड़े, जिसका असर नतीजों में दिखेगा. महाराष्ट्र् और बिहार का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि इन राज्यों में बीजेपी को नहीं बल्कि उसके घटक दलों को घाटा हो सकता है. बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने से उनकी इमेज खराब हुई है जिसका असर नतीजों पर पड़ सकता है. महाराष्ट्र की बात करें तो यहां भी बीजेपी को नहीं बल्कि एनडीए के घटक दलों शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को घाटा हो सकता है.
कर्नाटक और पश्चिम बंगाल पर संजय कुमार ने editorji के विक्रम चंद्रा को बताया कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है. सीएम और डिप्टी सीएम दो काफी मजबूत नेता हैं ऐसी स्थिति में बीजेपी काफी लूज कर रही है
वहीं बंगाल में 5, 6 और 7 वां फेज में चुनाव काफी चुनौतीपुर्ण है. बंगाल में बीजेपी और टीएमसी में टक्कर है और बीजेपी को फायदा हो सकता है
ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रा प्रदेश की बात करें तो तेलंगाना में बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर . यहां बीजेपी को फायदा हो सकता है वहीं ओडिशा में भी बीजेडी और बीजेपी की सीधी टक्कर है जहां बीजेपी 2019 की तुलना में मजबूत स्थिति में दिख रही है. आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ समझौते से बीजेपी को फायदा होगा और नतीजों में ये दिखाई दे सकता है.
दिल्ली हरियाणा में 6 वें फेज में मतदान है. मतदाताओं के मूड को देखकर माना जा सकता है कि दिल्ली में बीजेपी को काफी कड़ी टक्कर मिल सकती है. राजस्थान में भी बीजेपी सभी 25 सीटें जीती हुई है ऐसे में यहां कुछ सीटें बीजेपी हार सकती है. हरियाणा में भी सभी 10 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है यहां भी कुछ सीटों का बीजेपी को घाटा हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पास 62 सीटें थी पहले, अब क्या होगा ? इसके जवाब में संजय कुमार ने कहा कि राम मंदिर मुद्दा पूरी तरह छाया हुआ नहीं है और इसका घाटा बीजेपी को हो सकता है. यहां
चुनाव लोकल मुद्दों, जातिगत और दलित, ओबीसी जैसे मुद्दे पर हुआ. कुछ वक्त पहले लगा था कि बीजेपी आरामदायक स्थिति में है लेकिन अभी ऐसा नहीं है