Lok Sabha Election: पप्पू यादव को दरकिनार करने की 'लालू नीति' तेजस्वी के लिए क्यों है जरूरी?, जानिए

Updated : Apr 23, 2024 22:43
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Editorji News Desk

 Lok Sabha Election:  बिहार की सियासत में लालू यादव का लंबे अर्से से दबदबा रहा है.  तेजस्वी यादव फिलहाल आरजेडी में लालू के उत्तराधिकारी माने जाते हैं ऐसे में बिहार के पुराने दिग्गज पप्पू यादव और युवा चेहरा कन्हैया कुमार को बीजेपी विरोध का चेहरा बनने से रोकने में लालू नीति काम कर गई.  

इनदोनों को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाने की पूरजोर कोशिश की. पूर्णिया से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय की घोषणा करने वाले पप्पू यादव को शायद इसका अंदाजा भी नहीं था कि उन्हें कांग्रेस का टिकट नहीं मिल पाएगा.  ऐसा ही हाल कन्हैया कुमार का भी रहा.

बेगूसराय से दावेदारी पेश कर रहे कन्हैया कुमार को बिहार से बेदखल करने के लिए सीट शेयरिंग में ये सीट सीपीआई को देने की लालू यादव की रणनीति काम कर गई और कन्हैया कुमार को कांग्रेस दिल्ली में टिकट दे पाई. यही वजह है कि तेजस्वी यादव जब अपने भाषण में ये कहते हैं कि"  इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला है और पूर्णिया से बीमा भारती को वोट न दो तो एनडीए को दे दो" 

जब पप्पू यादव से तेजस्वी के बयान की बात कही गई तो उन्होंने कहा- "वह राजा हैं, हम रंक हैं. हम इन बातों का क्या करें।" पप्पू यादव ने खुद को रंक इसलिए कहा, क्योंकि वह कांग्रेस में होकर भी अपनी पार्टी से यह सीट हासिल नहीं कर सके और निर्दलीय उतरे हैं. 

दरअसल पप्पू यादव की राजनीति पकड़ और मेहनत से बिहार के लोग परिचित हैं. ऐसे में उनका मजबूती से उभरना तेजस्वी की सियासत के लिए खतरे की घंटी हो सकती है? 

बिहार के चाणक्य स्कूल ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार के मुताबिक  "पप्पू यादव ने लालू यादव और उनके परिवार को राजा कहा है, क्योंकि वह जानते हैं कि यादवों का वोट लेने के लिए उनकी मुखालफत सामने-सामने से नहीं की जा सकती है। दूसरी ओर तेजस्वी यादव को भी पता है कि बिहार में किसी यादव और खासकर पप्पू यादव को अगर जीत हासिल हो जाती है तो राज्य की सबसे बड़ी आबादी पर एकछत्र राज करना मुश्किल हो जाएगा"

पप्पू यादव ने लालू यादव को मनाने की हरसंभव कोशिश की. जब वो नहीं माने तो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर गए वहीं जेडीयू से 2019 में सांसद रहीं बीमा भारती चुनाव  घोषणा के बाद आरजेडी में आ गयीं और आरजेडी ने उन्हें उम्मीदवार घोषित कर दिया. अब पुर्णिया आरजेडी के साथ साथ पप्पू यादव के लिए भी प्रतिष्ठा का विषय है

Lalu Yadav

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